सर्दियों में बच्चों को हफ्ते में कितनी बार नहलाना सही? जानें
नई दिल्ली, 18 दिसंबर (आईएएनएस)। सर्दी के मौसम में ठंडी हवाओं और शुष्क मौसम के कारण बच्चों की देखभाल थोड़ी चुनौतीपूर्ण होती है। इस मौसम में बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर और त्वचा जल्दी रूखी हो जाती है। ऐसे में, माता-पिता को बच्चों की देखभाल पर विशेष ध्यान देना पड़ता है। खासतौर पर नहलाने का तरीका और उसके समय पर ध्यान देने की जरूरत है।
छोटी सी लापरवाही भी बच्चों को सर्दी, खांसी या त्वचा संबंधी परेशानियों में डाल सकती है।
आयुर्वेद और विज्ञान दोनों का मानना है कि सर्दियों में रोज नहाना बच्चों के लिए जरूरी नहीं है। हर दिन नहलाने से उनकी त्वचा के नैचुरल ऑयल खत्म हो सकते हैं, जिससे त्वचा और बाल दोनों रूखे और कमजोर हो जाते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, ठंडे मौसम में बच्चों को हफ्ते में दो से तीन बार ही नहलाना पर्याप्त होता है। इससे त्वचा में नमी बनी रहती है और बच्चे को ठंड ज्यादा नहीं लगती।
आयुर्वेद के अनुसार, सर्दियों में वात दोष बढ़ जाता है और बार-बार नहलाने से यह और बढ़ सकता है, जिससे सूखी त्वचा और सामान्य सर्दी-खांसी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
बालों की देखभाल भी सर्दियों में बहुत जरूरी होती है। छोटे बच्चों की स्कैल्प संवेदनशील होती है, इसलिए उनके बालों को हफ्ते में सिर्फ एक या दो बार ही धोना चाहिए। अगर बच्चे के बाल ऑयली हैं, तो उन्हें हफ्ते में दो-तीन बार धोना ठीक रहता है, लेकिन अगर बाल सूखे या घुंघराले हैं, तो हर सात से दस दिन में बाल धोना ही पर्याप्त होता है। बाल धोने के बाद हल्का तेल लगाना बच्चों के बालों को पोषण देता है और उन्हें टूटने या रूखे होने से बचाता है।
नहलाने के समय भी सावधानियां बहुत जरूरी हैं। हमेशा गुनगुना पानी इस्तेमाल करें, ताकि बच्चे को ठंड न लगे। नहलाने का समय भी सोच-समझकर चुनें। सुबह सूरज निकलने के बाद या दोपहर में, जब वातावरण थोड़ा गर्म हो, बच्चे को नहलाना सबसे सुरक्षित रहता है। कमरे को बंद रखें, ताकि ठंडी हवा सीधे बच्चे पर न लगे। अगर बहुत ठंड है तो कमरे को हल्का गर्म कर लेना अच्छा रहता है।
नहाने के बाद बच्चे को तौलिए से धीरे-धीरे थपथपाकर सुखाएं। तुरंत गर्म कपड़े और मोजे पहनाएं ताकि शरीर की गर्मी बनी रहे।
--आईएएनएस
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