सर्दियों में बार-बार चाय पीने से बढ़ सकती है परेशानी, आयुर्वेद से जानें कारण और उपाय
नई दिल्ली, 5 दिसंबर (आईएएनएस)। सर्दियां शुरू होते ही भारत में चाय का सेवन अचानक कई गुना बढ़ जाता है। सुबह उठते ही चाय, नाश्ते के साथ चाय, ऑफिस ब्रेक में चाय और फिर शाम को ठंड भगाने के लिए चाय, कुल मिलाकर दिन में 4–6 कप चाय पीना आम बात है। पर कम लोग जानते हैं कि इसी आदत की वजह से सर्दियों में एसिडिटी बढ़ जाती है।
आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान दोनों के अनुसार, ठंड के मौसम में चाय की अधिकता पेट में अम्ल का स्तर तेजी से बढ़ा देती है। क्योंकि सर्दियों में हमारा पाचन तो मजबूत होता है, लेकिन चाय में मौजूद कैफीन और टैनिन इसे प्रभावित कर देते हैं। इसका नतीजा होता है छाती में जलन, खट्टे डकार, पेट भारी लगना या जी मचलना। खासकर खाली पेट चाय पीना तो सीधा एसिड अटैक जैसा असर डालता है। सुबह उठते ही चाय पीने वालों को यह समस्या ज्यादा होती है।
बार-बार चाय पीने से पेट की परत भी कमजोर पड़ जाती है। टैनिन इस परत को सुखा देते हैं, जिससे पेट का एसिड आसानी से जलन पैदा करने लगता है। इसके अलावा, दूध और चीनी मिलाकर बनाई गई बहुत कड़क चाय एसिड को और बढ़ा देती है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि चाय बिल्कुल छोड़ देनी चाहिए। बस इसे कैसे, कब और कितनी मात्रा में पी रहे हैं, यही महत्वपूर्ण है। आयुर्वेद भी कहता है कि चीज दोष नहीं करती, गलत समय और गलत मात्रा दोष करते हैं।
अब बात करते हैं एसिडिटी में जल्दी राहत देने वाले सरल उपायों की। सबसे आसान उपाय है एक लौंग चबाना। यह पेट के एसिड को न्यूट्रलाइज करती है और कुछ ही मिनटों में आराम देती है। इसी तरह एक चम्मच सौंफ और थोड़ी-सी मिश्री खाने से गैस और खट्टी डकार तुरंत शांत हो जाते हैं। गुनगुने पानी में एक बूंद देसी घी मिलाकर पीना भी पेट की जलन को कम करता है। अगर एसिडिटी ज़्यादा परेशान करे तो छाछ में जीरा मिलाकर पीने से भी तुरंत राहत मिलती है। मुलैठी का पानी भी बहुत हल्का और आरामदायक माना जाता है, जो पेट की परत को आराम देता है।
अगर चाय पीना जरूरी है, तो उसमें 1–2 इलायची डाल दें। यह चाय की गर्मी को कम करती है। दिन में 2 कप से ज्यादा चाय न पिएं, सुबह खाली पेट और रात के खाने के बाद चाय बिल्कुल नहीं लें। इसके अलावा, बहुत कड़क या ज्यादा उबली चाय से बचें।
--आईएएनएस
पीआईएम/डीएससी
