रूसी राष्ट्रपति को 'श्रीमद्भगवद्गीता' भेंट करने पर कांग्रेस सांसद ने उठाए सवाल, बोले- फिर कुरान शरीफ भी देते
मुंबई, 5 दिसंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता हुसैन दलवाई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को 'श्रीमद्भगवद्गीता' भेंट किए जाने पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि धर्म की राजनीति इसमें नहीं लानी चाहिए। यदि लाए हैं तो कुरान शरीफ, बाइबिल और गुरु ग्रंथ साहिब भी दिया जाना चाहिए था।
कांग्रेस नेता हुसैन दलवाई ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा, "उन्हें (रूसी राष्ट्रपति पुतिन) 'श्रीमद्भगवद्गीता' भेंट करने का मकसद क्या है? वह मेरी समझ में नहीं आया। मैं इस पर अधिक नहीं कहूंगा, लेकिन 'श्रीमद्भगवद्गीता' के साथ कुरान शरीफ, बाइबिल और गुरु ग्रंथ साहिब भी दिया जाना चाहिए था। श्रीमद्भगवद्गीता के साथ-साथ उन्हें महाभारत की किताब भी देनी चाहिए थी।"
कांग्रेस नेता ने यूक्रेन युद्ध का जिक्र करते हुए कहा, "रूस ने अनेकों लोगों को मारा है। शायद इस पर विचार करने के उद्देश्य से ही राष्ट्रपति पुतिन को प्रधानमंत्री ने श्रीमद्भगवद्गीता भेंट की होगी।"
कांग्रेस नेता ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा पर कहा, "नेहरू के जमाने से भारत ने रूस के साथ मजबूत संबंध बनाए रखने का काम किया। इंदिरा गांधी ने भी रूस के साथ एक संधि भी की थी। पाकिस्तान के साथ बांग्लादेश को लेकर जब युद्ध हुआ, उस समय रूस ने भारत की मदद की थी। यह मित्रता पहले से चली आ रही है। वे संबंध मजबूत हो रहे हैं, तो यह बहुत अच्छी बात है।"
इसी बीच, हुसैन दलवाई ने हुमायूं कबीर के 6 दिसंबर को 'बाबरी मस्जिद' वाले बयान पर कहा, "यह जानबूझकर किया गया था।"
उन्होंने यह भी दावा किया कि पूरे देश में बाबासाहेब आंबेडकर का महापरिनिर्वाण दिवस मनाया जाता है। इस दिन के महत्व को कम करने के लिए 6 दिसंबर को मस्जिद ध्वस्त करने का काम किया गया।
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