Aapka Rajasthan

रिश्वतखोरी मामले में सीबीआई कोर्ट का फैसला, रेलवे के अकाउंट्स असिस्टेंट को दो साल की जेल

कर्नूल, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत, कर्नूल ने रिश्वतखोरी के एक मामले में दक्षिण मध्य रेलवे, गुंटकल डिवीजन के वरिष्ठ मंडल वित्त प्रबंधक कार्यालय में कार्यरत अकाउंट्स असिस्टेंट चाल्ला श्रीनिवासुलु को दोषी ठहराया। कोर्ट ने इस मामले में आरोपी को दो वर्ष की कठोर कैद और 20 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है।
 
रिश्वतखोरी मामले में सीबीआई कोर्ट का फैसला, रेलवे के अकाउंट्स असिस्टेंट को दो साल की जेल

कर्नूल, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत, कर्नूल ने रिश्वतखोरी के एक मामले में दक्षिण मध्य रेलवे, गुंटकल डिवीजन के वरिष्ठ मंडल वित्त प्रबंधक कार्यालय में कार्यरत अकाउंट्स असिस्टेंट चाल्ला श्रीनिवासुलु को दोषी ठहराया। कोर्ट ने इस मामले में आरोपी को दो वर्ष की कठोर कैद और 20 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है।

यह मामला 20 नवंबर 2017 को दर्ज किया गया था। आरोप था कि आरोपी चाल्ला श्रीनिवासुलु ने जुलाई 2017 से सितंबर 2017 के बीच लगभग 30 लाख रुपए के संविदा कार्य के बिलों के प्रसंस्करण तथा पहले से स्वीकृत बिलों को आगे बढ़ाने के बदले शिकायतकर्ता से रिश्वत की मांग की थी। शिकायत प्राप्त होने के बाद सीबीआई ने जाल बिछाया और आरोपी को 15 हजार रुपए की रिश्वत मांगते और स्वीकार करते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया।

गिरफ्तारी के बाद की गई विस्तृत जांच में आरोपों की पुष्टि हुई, जिसके बाद 29 मार्च 2018 को आरोपी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया।

इस मामले में सुनवाई के बाद अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए आरोपी को भ्रष्टाचार का दोषी करार दिया और कानून के अनुसार सजा दी। यह फैसला सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

इससे पहले, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) कोर्ट, नागपुर ने रिश्वतखोरी के एक पुराने मामले में बड़ा फैसला सुनाते हुए ऑर्डनेंस फैक्ट्री, नागपुर के दो सरकारी अधिकारियों को दोषी करार दिया था। कोर्ट ने संयुक्त महाप्रबंधक सलीलकांत सनतकुमार तिवारी और कनिष्ठ कार्य प्रबंधक विनीत यादवराव सोरते को 5 साल के कठोर कारावास की सजा और प्रत्येक पर 1.5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था।

यह मामला 2 जनवरी 2012 को सामने आया था, जब सीबीआई ने शिकायत के आधार पर केस दर्ज किया। आरोप था कि दोनों अधिकारियों ने शिकायतकर्ता की फर्म का 90 हजार रुपए का बकाया भुगतान जारी करने और आगे सामान सप्लाई जारी रखने के एवज में 50 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। इसी सिलसिले में उन्होंने शिकायतकर्ता से 22 हजार रुपए की राशि स्वीकार की थी।

--आईएएनएस

पीएसके