रविवार के दिन गुड़ और तांबे का दान क्यों है विशेष? जानें कैसे करें व्रत
नई दिल्ली, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। पौष माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि रविवार शाम 6 बजकर 49 मिनट तक रहेगी। इसके बाद एकादशी शुरू हो जाएगी। इस दिन सूर्य वृश्चिक राशि में और चंद्रमा रात 9 बजकर 41 मिनट तक कन्या राशि में रहेंगे। इसके बाद तुला राशि में गोचर करेंगे।
द्रिक पंचांग के अनुसार, अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 55 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 37 मिनट तक रहेगा और राहुकाल का समय शाम 4 बजकर 8 मिनट से शुरू होकर 5 बजकर 26 मिनट तक रहेगा। इस तिथि पर कोई विशेष पर्व नहीं है, लेकिन वार के हिसाब से या फिर आपकी कुंडली में सूर्य कमजोर है, तो आप रविवार का व्रत रख सकते हैं।
धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख मिलता है कि यदि किसी कारणवश आप व्रत नहीं रह सकते हैं, तो आप इस दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में तांबे के लोटे में सूर्य देव को अर्घ्य जरूर दें और इस दिन तामसिक भोजन या फिर बाल कटवाने से परहेज करें।
पुराणों के अनुसार, रविवार के दिन व्रत रखने से सुख, समृद्धि, आरोग्य और मोक्ष मिलता है। वहीं, इसे शुरू करने के लिए जातक किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के पहले रविवार से शुरू कर सकते हैं। इसके अलावा, वे आदित्य स्त्रोत का पाठ और 'ऊं सूर्याय नमः' और 'ऊं घृणि सूर्याय नमः' का जाप जरूर करें। ऐसा करने से भी विशेष लाभ मिलता है।
व्रत शुरू करने के लिए आप सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें, मंदिर या पूजा स्थल को साफ करें, उसके बाद एक चौकी पर कपड़ा बिछाकर पूजन सामग्री रखें, फिर व्रत कथा सुनें और सूर्य देव को तांबे के बर्तन में जल भरकर उसमें फूल, अक्षत और रोली डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें।
रविवार के दिन गुड़ और तांबे के दान का भी विशेष महत्व है। इन उपायों को करने से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता मिलती है।
एक समय भोजन करें, जिसमें नमक का सेवन न करें। रविवार के दिन काले या नीले रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए।
--आईएएनएस
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