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रामलिंगम हत्याकांड में राष्ट्रीय जांच एजेंसी को मिली सफलता, आरोपियों को किया गिरफ्तार

नई दिल्ली, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 2019 के रामलिंगम हत्याकांड में दो फरार आरोपियों और उन्हें शरण देने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी तमिलनाडु के वेल्लोर जिले के पल्लिकोंडा इलाके से हुई। गिरफ्तार आरोपी प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के सदस्य हैं।
 
रामलिंगम हत्याकांड में राष्ट्रीय जांच एजेंसी को मिली सफलता, आरोपियों को किया गिरफ्तार

नई दिल्ली, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 2019 के रामलिंगम हत्याकांड में दो फरार आरोपियों और उन्हें शरण देने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी तमिलनाडु के वेल्लोर जिले के पल्लिकोंडा इलाके से हुई। गिरफ्तार आरोपी प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के सदस्य हैं।

रामलिंगम की हत्या 5 फरवरी 2019 को तमिलनाडु के तंजावुर जिले में हुई थी। वे पट्टाली मक्कल काची के कार्यकर्ता थे। उन्होंने कथित धर्मांतरण गतिविधियों का विरोध किया था, जिसके बाद हमलावरों ने उनके हाथ काटकर बेरहमी से हत्या कर दी। इस मामले की जांच मार्च 2019 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने अपने हाथ में ले ली थी।

गिरफ्तार आरोपियों के नाम मोहम्मद बुरहानुद्दीन और मोहम्मद नबील हसन हैं। ये दोनों तंजावुर जिले के रहने वाले हैं और लगभग सात साल से फरार थे। इन्हें अन्य जांच एजेंसियों की मदद से पकड़ा गया। ये दोनों प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के सदस्य थे। इन पर आरोप है कि इन्होंने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर रामलिंगम के हाथ काटने और हत्या की साजिश रची तथा उसे अंजाम दिया।

इनकी गिरफ्तारी के बाद एजेंसी ने हत्या में शामिल फरार लोगों को शरण देने वाले तीन अन्य लोगों को भी पकड़ा। ये तीनों चेन्नई जिले के रहने वाले हैं। इनके नाम के. मोहिदीन, मोहम्मद इमरान और थमीम अंसारी हैं। इन पर आरोप है कि इन्होंने हत्या के बाद फरार आरोपियों को छिपाया और उनकी आने-जाने में मदद की।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने अगस्त 2019 में इस मामले में आरोपपत्र दाखिल किया था। इसमें 18 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इनमें से छह को फरार घोषित किया गया और हर एक पर पांच लाख रुपए का इनाम घोषित था। अब तक पांच फरार आरोपी पकड़े जा चुके हैं। एक आरोपी, मोहम्मद अली जिन्ना, अभी भी फरार है।

यह मामला आरसी-06/2019/एनआईए/डीएलआई के तहत दर्ज है। जांच अभी जारी है। एजेंसी का कहना है कि यह हत्या लोगों में डर पैदा करने और सांप्रदायिक नफरत फैलाने के इरादे से की गई थी। इस गिरफ्तारी से मामले में बड़ी प्रगति हुई है और बाकी फरार आरोपियों को पकड़ने के प्रयास तेज हो गए हैं।

--आईएएनएस

एसएचके/डीकेपी