Aapka Rajasthan

पंजाब पुलिस का 'युद्ध नशियां विरुद्ध' अभियान तेज, 304वें दिन 113 तस्कर गिरफ्तार

चंडीगढ़, 31 दिसंबर (आईएएनएस)। पंजाब में नशे के खिलाफ चल रही जंग लगातार और तेज होती जा रही है। भगवंत मान सरकार की 'युद्ध नशियां विरुद्ध' मुहिम के तहत पंजाब पुलिस ने 304वें दिन भी पूरे दमखम के साथ मोर्चा संभाले रखा। राज्यभर में लगातार रेड, सर्च ऑपरेशन और जागरूकता अभियानों के जरिए पुलिस न सिर्फ नशा तस्करों पर शिकंजा कस रही है, बल्कि युवाओं को नशे से दूर रखने की कोशिश भी कर रही है।
 
पंजाब पुलिस का 'युद्ध नशियां विरुद्ध' अभियान तेज, 304वें दिन 113 तस्कर गिरफ्तार

चंडीगढ़, 31 दिसंबर (आईएएनएस)। पंजाब में नशे के खिलाफ चल रही जंग लगातार और तेज होती जा रही है। भगवंत मान सरकार की 'युद्ध नशियां विरुद्ध' मुहिम के तहत पंजाब पुलिस ने 304वें दिन भी पूरे दमखम के साथ मोर्चा संभाले रखा। राज्यभर में लगातार रेड, सर्च ऑपरेशन और जागरूकता अभियानों के जरिए पुलिस न सिर्फ नशा तस्करों पर शिकंजा कस रही है, बल्कि युवाओं को नशे से दूर रखने की कोशिश भी कर रही है।

पंजाब पुलिस का कहना है कि यह लड़ाई सिर्फ गिरफ्तारी तक सीमित नहीं है, बल्कि नशे की जड़ तक पहुंचने और पूरे ड्रग नेटवर्क को तोड़ने की है। इसी सोच के साथ 304वें दिन पंजाब पुलिस ने राज्यभर में 319 अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की। इन कार्रवाइयों के दौरान 82 एफआईआर दर्ज की गईं और 113 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस की यह कार्रवाई दिखाती है कि अब नशे के सौदागरों के लिए पंजाब में कोई सुरक्षित जगह नहीं बची है।

अगर अब तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो यह अभियान काफी असरदार साबित हुआ है। पिछले 304 दिनों में कुल 42,480 नशा तस्करों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। यह संख्या अपने आप में बताती है कि पंजाब पुलिस कितनी गंभीरता से इस मिशन को आगे बढ़ा रही है।

मान सरकार की इस मुहिम की खास बात इसकी तीन-स्तरीय रणनीति है। पहला स्तर है इन्फोर्समेंट (सख्त कार्रवाई), रेड और गिरफ्तारी। दूसरा स्तर है डी-एडिक्शन, जिसके तहत नशे की लत में फंसे लोगों को इलाज और काउंसलिंग के जरिए सामान्य जीवन की ओर लौटाने की कोशिश की जा रही है। तीसरा और सबसे अहम स्तर है प्रिवेंशन, यानी जागरूकता। स्कूलों, कॉलेजों, गांवों और मोहल्लों में लोगों को नशे के नुकसान बताए जा रहे हैं, ताकि युवा इस दलदल में फंसने से पहले ही रुक जाएं।

पंजाब पुलिस का कहना है कि यह लड़ाई सिर्फ पुलिस की नहीं, बल्कि पूरे समाज की है। जब तक आम लोग, परिवार और युवा साथ नहीं आएंगे, तब तक नशे के खिलाफ पूरी जीत संभव नहीं है। इसी वजह से जागरूकता अभियानों पर भी उतना ही जोर दिया जा रहा है जितना कार्रवाई पर।

--आईएएनएस

पीआईएम/एबीएम