प्रमोद तिवारी ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना, कहा- फैसले लेने की क्षमता नहीं
लखनऊ, 24 दिसंबर (आईएएनएस)। प्रमोद तिवारी ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री मोदी पर जुबानी हमला करते हुए कहा कि आज देश में एक कमजोर सरकार चल रही है, जिसमें निर्णय लेने की क्षमता साफतौर पर नजर नहीं आती। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में जो हालात बने हुए हैं, उसके पीछे जो कारण हैं, भारत सरकार उन्हें जानबूझकर नजरअंदाज कर रही है।
उनका कहना है कि वहां मंदिर जलाए जा रहे हैं, तोड़े जा रहे हैं, हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं, हत्या और दुष्कर्म की शिकायतें सामने आ रही हैं, लोग दुर्गा पंडाल तक नहीं लगा पा रहे हैं, लेकिन भारत के प्रधानमंत्री इस पर चुप हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से प्रेरणा लेनी चाहिए। 1971 में इंदिरा गांधी ने सिर्फ 14 दिनों में पूर्वी पाकिस्तान को पराजित कर बांग्लादेश का निर्माण कर दिया था। वहीं, आज मोदी सरकार हर मुद्दे पर कमजोर दिखाई दे रही है।
प्रमोद तिवारी ने साफ कहा कि बांग्लादेश में हो रही घटनाओं के लिए भारत सरकार जिम्मेदार है और इसकी सीधी जिम्मेदारी प्रधानमंत्री की है। उनका आरोप है कि सरकार हर बार इल्जाम इधर-उधर डालकर अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश करती है।
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली गैस चैंबर में तब्दील हो गई। अरावली को लेकर जो नई परिभाषा लाई गई है, अगर उसे लागू किया गया तो पर्यावरण को ज्यादा नुकसान पहुंचेगा। दिल्ली का बड़ा हिस्सा खुदा हुआ नजर आएगा और यह सब माइनिंग लॉबी के दबाव में किया जा रहा है ताकि कुछ चंद बड़े लोगों को फायदा पहुंचाया जा सके।
उन्होंने कहा कि यह सीधे-सीधे लोगों के जीवन से खिलवाड़ है। आज हालत यह है कि लोग कहते हैं कि दिल्ली में रहना मतलब रोज पच्चीस सिगरेट पीने के बराबर जहर झेलना।
विदेश नीति पर भी प्रमोद तिवारी ने सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश को लेकर जो रिपोर्ट्स आ रही हैं, वे बेहद चिंताजनक हैं। प्रधानमंत्री चीन जाते हैं, गले मिलते हैं, लेकिन चीन की आक्रामकता पर एक शब्द भी नहीं बोलते।
उन्होंने सवाल किया कि भारत की विदेश नीति इतनी कमजोर कभी नहीं रही। आखिर सरकार चीन से डरती क्यों हैं? अरुणाचल का कण-कण हमारा है, भारत माता का कण-कण हमारा है। अगर कोई उस पर टेढ़ी नजर डाले और हम विरोध तक न करें, तो यह साफ तौर पर सरकार की कमजोरी को दिखाता है।
--आईएएनएस
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