पीएमवीबीआरवाई का 2 साल में 3.5 करोड़ से ज्यादा नौकरियों का लक्ष्य : केंद्र
नई दिल्ली, 19 दिसंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना (पीएमवीबीआरवाई) का उद्देश्य पूरे देश में 2 साल में 3.5 करोड़ से ज्यादा नई नौकरियां पैदा करना है। इस योजना के लिए सरकार ने 99,446 करोड़ रुपए का बजट तय किया है।
श्रम और रोजगार मंत्रालय और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय की राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने राज्यसभा में बताया कि योजना के 'भाग ए' के तहत जो कर्मचारी पहली बार नौकरी करते हैं, उन्हें सरकार की ओर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। यह राशि कर्मचारी की एक महीने की ईपीएफ सैलरी के बराबर होगी, जिसकी अधिकतम सीमा 15,000 रुपए है।
उन्होंने कहा कि यह प्रोत्साहन राशि रोजगार के पहले वर्ष के दौरान दो किस्तों में दी जाएगी। पहली किस्त, जो अधिकतम 7,500 रुपए होगी, नौकरी के 6 महीने पूरे होने पर दी जाएगी।
वहीं दूसरी किश्त 12 महीने की नौकरी पूरी होने और एक वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम पूरा करने के बाद मिलेगी। यह दूसरी राशि सीधे बचत खाते या किसी सुरक्षित बचत योजना में जमा की जाएगी।
राज्य मंत्री ने कहा कि योजना के 'भाग बी' में कंपनियों और नियोक्ताओं को फायदा दिया जाएगा। अगर कोई नियोक्ता अतिरिक्त कर्मचारी को कम से कम 6 महीने तक नौकरी पर रखता है, तो उसे सरकार की ओर से हर ऐसे कर्मचारी के लिए हर महीने 3,000 रुपए तक की मदद दी जाएगी।
यह योजना 1 अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027 तक लागू रहेगी। इसी अवधि में बनाई गई नौकरियों पर यह लाभ मिलेगा। इस योजना को 1 जुलाई 2025 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी। इसका मकसद रोजगार बढ़ाना, लोगों की काम करने की क्षमता बढ़ाना और सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करना है, खासकर एमएसएमई, ग्रामीण उद्योग और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में।
इससे पहले सरकार ने आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (एबीआरवाई) शुरू की थी, जो कोरोना महामारी के समय नौकरी देने वाले नियोक्ताओं को प्रोत्साहन देने के लिए लाई गई थी।
मंत्री ने बताया कि इस योजना में रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख 31 मार्च 2022 थी, जिसके तहत जुड़े लाभार्थियों को 2 साल तक लाभ मिला। सरकार के अनुसार, योजना की शुरुआत से लेकर 31 मार्च 2024 तक 60.49 लाख लोगों को इस योजना का लाभ प्रदान किया जा चुका है।
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दुर्गेश बहादुर/एएस
