Aapka Rajasthan

पाकिस्तान में आतंकवाद एक धंधा बन चुका है : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

नई दिल्ली, 10 जून (आईएएनएस)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का कहना है कि भारत की सेनाएं आतंकवाद के खिलाफ सरहद के इस पार और उस पार प्रभावी कार्रवाई करने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा, यह तो पाकिस्तान ने भी 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान देख लिया है। मगर पाकिस्तान है कि एक जिद्दी बच्चे की तरह मानता ही नहीं है। इसलिए पूरी दुनिया के लिए यह जरूरी है कि पाकिस्तान पर आतंकवाद को लेकर हर तरह का रणनीतिक, कूटनीतिक और आर्थिक दबाव बनाया जाए।
 
पाकिस्तान में आतंकवाद एक धंधा बन चुका है : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

नई दिल्ली, 10 जून (आईएएनएस)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का कहना है कि भारत की सेनाएं आतंकवाद के खिलाफ सरहद के इस पार और उस पार प्रभावी कार्रवाई करने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा, यह तो पाकिस्तान ने भी 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान देख लिया है। मगर पाकिस्तान है कि एक जिद्दी बच्चे की तरह मानता ही नहीं है। इसलिए पूरी दुनिया के लिए यह जरूरी है कि पाकिस्तान पर आतंकवाद को लेकर हर तरह का रणनीतिक, कूटनीतिक और आर्थिक दबाव बनाया जाए।

रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा आतंकवादियों को पनाह दी है, अपनी जमीन पर उन्हें ट्रेनिंग और कई तरह की मदद दी है। पहलगाम तो सिर्फ एक उदाहरण है, पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों के गुनाहों की लिस्ट बहुत लंबी है। पाकिस्तान हर बार आतंकवाद को सही ठहराने की कोशिश में लगा रहता है। इसलिए जरूरी है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में, हम सिर्फ आतंकवादियों को ही नहीं, बल्कि उन्हें मदद करने वाले पूरे टेरर इंफ्रास्ट्रक्चर को भी खत्म करें।

रक्षा मंत्री ने कहा, "मैंने तो पहले भी पाकिस्तान को सलाह दी थी और आज फिर कहना चाहता हूं कि अगर आपसे पाकिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पा रही है तो भारत की मदद लीजिए।"

रक्षा मंत्री का कहना था कि जब हम आतंकवाद के खतरे से मुक्त होंगे, तभी हम पूरी दुनिया में सही मायनों में शांति और प्रगति के साथ-साथ समृद्धि के लक्ष्य की तरफ बढ़ सकेंगे। यह सब तो पाकिस्तान की आम जनता भी चाहती है मगर वहां के हुक्मरानों ने पाकिस्तान को तबाही के रास्ते पर डाला हुआ है। कोई भी इंसान अपनी जड़ों को उजाड़ना नहीं चाहता, लेकिन चूंकि उनके पास कोई स्पष्ट दिशा नहीं है, कोई रोडमैप नहीं है, इसलिए पाकिस्तान में आतंकवाद एक धंधा बन चुका है।

रक्षा मंत्री ने याद दिलाते हुए कहा कि यह वही देश है जहां हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे घोषित आतंकवादी खुलेआम घूमते हैं और जहर उगलते हैं। जहां आतंकियों के जनाजे में पाकिस्तान आर्मी के बड़े अफसर फातिहा पढ़ते नजर आते हैं। अब उसी पाकिस्तान से उम्मीद की जा रही है कि वह आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समुदाय का नेतृत्व करेगा, यह किसी क्रूर मजाक से कम नहीं है। यह अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की नीयत और नीतियों दोनों पर गहरे सवाल खड़े करता है। यह आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई का उपहास है।

सबसे हालिया उदाहरण यह है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा पाकिस्तान को काउंटर टेररिज्म पैनल का उपाध्यक्ष बनाया गया है। हैरानी की बात यह है कि यह काउंटर-टेररिज्म पैनल 9-11 हमले के बाद गठित किया गया था। हम सब जानते हैं कि 9-11 का हमला किसने किया था। यह भी किसी से छुपा नहीं है कि उस हमले के मास्टरमाइंड को पाकिस्तान ने शरण दी थी। रक्षा मंत्री ने कहा कि यह तो एक तरह से बिल्ली से दूध की रखवाली करवाने की बात हुई।

राजनाथ सिंह ने कहा कि लाख चाहने के बावजूद पाकिस्तान कश्मीर में विकास का पहिया रोक नहीं पाया है। आज हम कश्मीर में उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेलवे लिंक जैसी परियोजना को साकार होते देख रहे हैं। यह रेलवे लाइन नहीं, लगभग 120 वर्षों से पल रही, एक अधूरी उम्मीद थी। यह सपना अब साकार हो गया है।

उन्होंने कहा कि आज भारत की सेनाओं के पास केवल इंपोर्टेड हथियार नहीं, बल्कि इसी देश में बनी मिसाइल, टैंक और अन्य सिस्टम एवं प्लेटफॉर्म्स भी हैं। हमारी अग्नि, पृथ्वी, ब्रह्मोस जैसी मिसाइल आज दुश्मन को जवाब देने के लिए तैयार खड़ी हैं और ये सब भारत में बनी हैं। अब हमारे देश में आईएनएस विक्रांत जैसे एयरक्राफ्ट कैरियर बनाने की भी ताकत है।

रक्षा मंत्री का कहना था कि जब कोई राष्ट्र अपने सुरक्षा उपकरण, अपने हथियार, अपने लड़ाकू विमान और मिसाइलें खुद बनाना शुरू कर दे, तो वह न केवल खुद पर विश्वास करना सीखता है, बल्कि दुनिया को भी यह संदेश देता है कि अब हम 'आत्मनिर्भर' हैं, सक्षम हैं और किसी के मोहताज नहीं हैं।

रक्षा मंत्री ने बताया कि आज भारत का रक्षा निर्यात 2014 की तुलना में लगभग 35 गुना बढ़ चुका है। साल 2013-14 में भारत से होने वाला डिफेंस एक्सपोर्ट केवल 686 करोड़ का था, वह आज 2024-25 में बढ़कर 23,622 करोड़ तक पहुंच गया है। करीब सौ देशों को हमारे देश में बने डिफेंस प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट किए जा रहे हैं।

--आईएएनएस

जीसीबी/एएस