ऑपरेशन 'सागर बंधु': श्रीलंका में क्षतिग्रस्त संपर्क मार्गों की बहाली में जुटे भारतीय सेना के जवान
कोलंबो, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। श्रीलंका में चक्रवात दितवाह ने भारी तबाही मचाई है। चक्रवात की वजह से आई भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन ने कई क्षेत्रों में सड़कें क्षतिग्रस्त कर दी हैं, जिससे कई इलाकों का संपर्क मार्ग टूट गया है। ऐसे में भारतीय सेना श्रीलंका में टूटे संपर्क मार्गों को जोड़ने में वहां सेना की मदद कर रही है।
श्रीलंका में चक्रवात दितवाह से मची भारी तबाही के बाद भारत ने श्रीलंका में राहत व बचाव कार्य को अंजाम देने के लिए ऑपरेशन सागर बंधु चलाया है। इसके तहत एनडीआरएफ और भारतीय वायुसेना ने श्रीलंका में राहत एवं बचाव कार्य तेज कर दिए हैं। इसको लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय ने रविवार को अपडेट जारी किया है।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय सेना के इंजीनियरों ने श्रीलंका की सेना के इंजीनियरों के साथ मिलकर और सड़क विकास प्राधिकरण ने किलिनोच्ची में परांथान-कराच्ची-मुल्लातिवु (ए35) सड़क पर क्षतिग्रस्त पुल को हटाना शुरू कर दिया है। यह संयुक्त प्रयास प्रभावित समुदायों के लिए महत्वपूर्ण संपर्क बहाल करने की दिशा में एक और कदम है।
रणधीर जायसवाल ने बताया कि भारतीय वायुसेना का एक अन्य सी-17 ग्लोबमास्टर सड़क मार्ग से आवागमन बहाल करने के लिए बेली ब्रिज यूनिट्स के साथ कोलंबो में उतरा है। इसमें लगभग 55 टन बेली ब्रिज का सामान, एक जेसीबी, और इंजीनियर कोर के 13 जवान हैं। यह श्रीलंका में बेली ब्रिज की यूनिट्स को ले जाने वाला तीसरा विमान था।
शुक्रवार को भी भारतीय वायु वायुसेना का सी-17 ग्लोबमास्टर सड़क मार्ग से आवागमन बहाल करने के लिए बेली ब्रिज यूनिट्स के साथ कोलंबो में उतरा था। इस उड़ान में इंजीनियरों और चिकित्सा विशेषज्ञों सहित 25 कर्मियों की एक टीम भी पहुंची थी।
इसी क्रम में भारत की तरफ से श्रीलंका के अलग-अलग क्षेत्रों में फील्ड हॉस्पिटल स्थापित किए गए हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायवाल ने बताया कि भारत द्वारा कैंडी के निकट महियांगनया में 5 दिसंबर से स्थापित फील्ड हॉस्पिटल ने अब तक चक्रवात दितवाह से प्रभावित 2200 से अधिक रोगियों को अत्यंत आवश्यक चिकित्सा देखभाल प्रदान की है।
इसके साथ ही 67 छोटी प्रक्रियाएं और 3 ऑपरेशन सफलतापूर्वक किए गए हैं। भारत की चिकित्सा टीमें श्रीलंकाई लोगों को समय पर देखभाल प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इनमें सामान्य चोटों से लेकर गंभीर हालत वाले लोग भी शामिल हैं।
--आईएएनएस
एमएस/डीकेपी
