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नोएडा: पंजीकरण निलंबन के बाद अस्पताल की फायर, इलेक्ट्रिकल और ऑक्सीजन पाइपलाइन की होगी ऑडिट

नोएडा, 4 नवंबर (आईएएनएस)। गौतमबुद्ध नगर के सेक्टर-66 स्थित मार्क हॉस्पिटल एंड ट्रॉमा सेंटर पर जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नरेंद्र कुमार ने अस्पताल का पंजीकरण अग्रिम आदेशों तक निलंबित कर दिया है। यह कदम अस्पताल में लगातार दो बार ऑक्सीजन पाइपलाइन फटने की घटनाओं के बाद उठाया गया, जिसने गंभीर मरीजों की जान को खतरे में डाल दिया।
 
नोएडा: पंजीकरण निलंबन के बाद अस्पताल की फायर, इलेक्ट्रिकल और ऑक्सीजन पाइपलाइन की होगी ऑडिट

नोएडा, 4 नवंबर (आईएएनएस)। गौतमबुद्ध नगर के सेक्टर-66 स्थित मार्क हॉस्पिटल एंड ट्रॉमा सेंटर पर जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नरेंद्र कुमार ने अस्पताल का पंजीकरण अग्रिम आदेशों तक निलंबित कर दिया है। यह कदम अस्पताल में लगातार दो बार ऑक्सीजन पाइपलाइन फटने की घटनाओं के बाद उठाया गया, जिसने गंभीर मरीजों की जान को खतरे में डाल दिया।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी के अनुसार, मुख्य अग्निशमन अधिकारी द्वारा यह जानकारी दी गई कि 2 नवंबर को दोपहर लगभग 12 बजे आईसीयू के पास फॉल्स सीलिंग में लगी ऑक्सीजन पाइपलाइन में अचानक शॉर्ट सर्किट हुआ, जिसके कारण पाइपलाइन फट गई। घटना के बाद अस्पताल प्रबंधन को तत्काल सुधारात्मक कार्यवाही और पाइपलाइन की समुचित मरम्मत के निर्देश दिए गए थे, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने सुरक्षा मानकों की अनदेखी करते हुए सही तरीके से मरम्मत नहीं कराई।

अस्पताल की लापरवाही तब खुलकर सामने आई जब लगभग 15 घंटे बाद, 3 नवंबर को वह पाइपलाइन फिर से ब्लास्ट हो गई। इस बार घटनाक्रम और भी गंभीर था, क्योंकि उस समय आईसीयू सहित कई वार्डों में मरीज भर्ती थे। लगातार दो हादसों से घबराए परिजनों ने मरीजों को तुरंत दूसरे अस्पतालों में स्थानांतरित किया।

सीएमओ टीम ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया। टीम द्वारा बाद में उन सभी अस्पतालों से संपर्क किया गया जहां मरीजों को शिफ्ट किया गया था। राहत की बात यह रही कि किसी भी प्रकार की जनहानि या आर्थिक नुकसान की जानकारी नहीं मिली।

जिला प्रशासन ने इस मामले को गंभीर लापरवाही मानते हुए अस्पताल का पंजीकरण तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया। साथ ही अस्पताल प्रबंधन को आदेश दिया गया है कि वह फायर ऑडिट, इलेक्ट्रिकल ऑडिट और ऑक्सीजन ऑडिट कराएं और रिपोर्ट मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में जमा करें। रिपोर्ट मिलने के बाद ही आगे की कार्यवाही तय की जाएगी।

--आईएएनएस

पीकेटी/डीकेपी