नोएडा में बड़े ट्रांसनेशनल साइबर क्राइम नेटवर्क का भंडाफोड़, 6 आरोपी गिरफ्तार
नोएडा, 12 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने नोएडा में एक बड़े ट्रांसनेशनल साइबर क्राइम नेटवर्क को धराशायी कर दिया है। यह नेटवर्क 2022 से अमेरिका के नागरिकों को टारगेट कर रहा था और उनसे बड़े पैमाने पर पैसे ऐंठ रहा था। सीबीआई को इस मामले में फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआई) अमेरिका की तरफ से इनपुट मिला था, जिसकी मदद से उन्होंने ऑपरेशन को अंजाम दिया। इस ऑपरेशन की जानकारी शुक्रवार को प्रेस रिलीज के जरिए मीडिया को दी गई।
इस नेटवर्क में शामिल लोग वर्चुअल एसेट यानी क्रिप्टोकरेंसी और विदेशी बैंक अकाउंट का इस्तेमाल करके साइबर क्राइम कर रहे थे। आरोपियों ने अमेरिका में लोगों को यह धमकी दी कि उनके सोशल सिक्योरिटी नंबर (एसएसएन) का इस्तेमाल ड्रग डिलीवरी और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया गया है। डर दिखाकर उन्होंने लोगों से 8.5 मिलियन डॉलर की रकम ट्रांसफर करवा ली।
सीबीआई ने 9 दिसंबर को केस दर्ज किया और तुरंत जांच शुरू की। दिल्ली, नोएडा और कोलकाता में आरोपियों के ठिकानों और कॉल सेंटरों पर बड़े पैमाने पर तलाशी ली गई। इसी दौरान पता चला कि यह नेटवर्क गैर-कानूनी कॉल सेंटर चलाकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साइबर-इनेबल्ड फाइनेंशियल क्राइम कर रहा था।
नोएडा में चल रहे इस कॉल सेंटर में सीबीआई ने छह मुख्य आरोपी पकड़े, जिनमें शुभम सिंह (डोमिनिक), डाल्टनलियन (माइकल), जॉर्ज टी. जमलियानलाल (माइल्स), एल. सेमिनलेन हाओकिप (रॉनी), मंगखोलुन (मैक्सी), और रॉबर्ट थांगखानखुअल (डेविड/मुनरोइन) शामिल हैं।
तलाशी के दौरान 1.88 करोड़ रुपए कैश और 34 इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे मोबाइल, लैपटॉप, हार्ड डिस्क और पेन ड्राइव बरामद हुए। इन डिवाइसों में अपराध से जुड़े दस्तावेज और डेटा भी मिला। सीबीआई ने कहा कि अब आगे और ऑपरेशन चलाए जाएंगे ताकि इस अपराध से जुड़े पैसे और ट्रांजेक्शन का पता लगाया जा सके।
सीबीआई ने बताया कि इस ऑपरेशन के दौरान यह भी साफ हुआ कि यह नेटवर्क इंटरनेशनल स्तर पर काम कर रहा था और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर बड़े पैमाने पर क्राइम कर रहा था। सीबीआई इंटरपोल और विदेशी एजेंसियों के साथ मिलकर इस नेटवर्क की पहचान और उसे खत्म करने का काम कर रही है।
सीबीआई के अधिकारियों ने कहा कि इस कार्रवाई से बड़े ट्रांसनेशनल साइबर-फाइनेंशियल क्राइम नेटवर्क में काफी रोक लग गई है। अब यह नेटवर्क पूरी तरह से निष्क्रिय हो गया है और ऐसे अपराधियों को कानूनी शिकंजे में लाने के लिए काम लगातार जारी रहेगा।
सीबीआई ने साफ किया कि उनका मकसद सिर्फ अपराधियों को पकड़ना ही नहीं, बल्कि ऐसे नेटवर्क को रोकना और आम लोगों को सुरक्षित रखना भी है।
--आईएएनएस
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