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नीतीश कुमार मुस्लिम विरोधी नहीं, माफी मांगकर खत्म करें मसला: हुसैन दलवई

मुंबई,16 दिसंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उस व्यवहार की निंदा की है, जिसमें उन्होंने एक कार्यक्रम में एक महिला का बुर्का हटाने की कोशिश की। हुसैन दलवई ने कहा कि सीएम को अपने इस रवैये को लेकर माफी मांगनी चाहिए।
 
नीतीश कुमार मुस्लिम विरोधी नहीं, माफी मांगकर खत्म करें मसला: हुसैन दलवई

मुंबई,16 दिसंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उस व्यवहार की निंदा की है, जिसमें उन्होंने एक कार्यक्रम में एक महिला का बुर्का हटाने की कोशिश की। हुसैन दलवई ने कहा कि सीएम को अपने इस रवैये को लेकर माफी मांगनी चाहिए।

उन्होंने मंगलवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि किसी मुख्यमंत्री को इस तरह का व्यवहार शोभा नहीं देता है। यह एक निंदनीय व्यवहार है। यह सिर्फ उस महिला का अपमान नहीं है, बल्कि सभी महिलाओं का अपमान किया है। हम अपने समाज में इस तरह के व्यवहार को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता।

हालांकि कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने कहा कि मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री ने उन्हें अपनी बेटी की तरह माना होगा, लेकिन इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री को माफी मांगकर पूरे अध्याय को यहीं पर विराम दे देना चाहिए।

उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस कदम को मुस्लिम विरोधी बताने से साफ इनकार कर दिया और कहा कि मैं नहीं मानता हूं कि सीएम नीतीश कुमार मुस्लिम विरोधी हैं। अगर इस देश में मुस्लिम विरोधी संगठन की बात करें, तो सिर्फ दो ही संगठन हैं। पहला भारतीय जनता पार्टी और दूसरा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस)। बाकी अन्य दलों से यह कहना कि मुस्लिम विरोधी हैं, गलत होगा।

कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने कहा कि आरएसएस के कार्यक्रम में नफरत को ही फैलाना सिखाया जाता है। इस संगठन ने आज तक क्या किया है। यह संगठन हमेशा से ही सत्ता के नजदीक रहना पसंद करता है। मुझे यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि जब कांग्रेस सत्ता में थी, तो उस वक्त आरएसएस कांग्रेस के साथ रहना पसंद करती थी। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि आरएसएस सत्तारूढ़ दल के साथ रहने को ज्यादा तवज्जो देती है।

उन्होंने दावा किया कि आपातकाल के दौर में तो संघ ने इंदिरा गांधी को पत्र लिखकर यह कहा था कि हम आपकी मदद करने के लिए तैयार हैं। अब ये लोग सिर्फ हिंदुत्ववाद की विचारधारा पर काम कर रहे हैं। इसका हिंदू धर्म से मतलब नहीं है। हिंदुत्ववाद की विचारधारा सबसे पहले सावरकर लेकर आए थे। जिसके तहत अब ये लोग द्वेष भावना फैलाने की कोशिश कर रहे थे।

--आईएएनएस

एसएचके/वीसी