मुंबई को जिहादियों से बचाने के लिए अपने छोटे आग्रह को त्यागना होगा: संजय निरुपम
मुंबई, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र नगर निगम चुनाव को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज है। इस बीच शिवसेना नेता संजय निरुपम ने मंगलवार को महायुति के अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद जताई। उन्होंने साफ किया कि मुंबई को जिहादियों से बचाने के लिए अपने छोटे आग्रह को त्यागना होगा।
शिवसेना नेता संजय निरुपम ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "बातचीत के एक लंबे दौर के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और शिवसेना के गठबंधन की घोषणा हुई है। गठबंधन के हिसाब से शिवसेना 90, जबकि भाजपा 137 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। यह अपने आप में बहुत बड़ी उपलब्धि है। जो लोग मुंबई में शिवसेना को बहुत कम आंकने की कोशिश कर रहे थे, उन्हें बताया गया है कि हमारी अपनी एक ताकत है। भाजपा ने शिवसेना के प्रभाव को स्वीकार करते हुए एक बड़ा हिस्सा हमारे लिए छोड़ा है।"
उन्होंने कहा, "निश्चित तौर पर जब 90 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे तो एक-एक सीट पर शिवसेना की तरफ से 10-10 लोग टिकट मांगने वाले हैं। ऐसे में निश्चित तौर पर सभी लोगों को चुनाव नहीं लड़ाया जा सकता। यही कारण है कि कुछ लोग नाराज भी रहेंगे। नाराज लोगों से मेरा निवेदन है कि हमें मुंबई को बचाना है। मुंबई को जिहादियों से बचाने के लिए अपने छोटे आग्रह को त्याग दें और महायुति के साथ मिलकर जोरदार ढंग से काम करें ताकि आने वाले दिन में मुंबई का महापौर महायुति का बने और मुंबई को एक ट्रिपल इंजन की सरकार देते हुए, विकास के रास्ते तेजी से आगे बढ़े।"
निरुपम ने घुसपैठ की निंदा करते हुए लिखा, "हमारे देश में घुसपैठ एक बहुत ही बड़ा प्रश्न है। भले ही चुनाव और एसआईआर के बहाने यह मुद्दा बहुत ही प्रमुखता से ऊपर आया है, लेकिन यह देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ मुद्दा है। तमाम पार्टियों को अपने राजनीतिक आग्रह से ऊपर उठकर देश और सरकार को समर्थन देना चाहिए।"
शिवसेना प्रवक्ता ने घुसपैठ के मुद्दे पर कहा, "अगर अमित शाह घुसपैठ को एक बुनियादी प्रश्न बताते हुए इसके खिलाफ एक लंबी लड़ाई लड़ने का संकल्प व्यक्त कर रहे हैं, तो यह संकल्प देश के हित में है। इसमें राजनीति नहीं देखनी चाहिए। इसकी शुरुआत बिहार में एसआईआर की प्रक्रिया से हुई, अब अगला कदम बंगाल में है। बंगाल में एसआईआर के माध्यम से घुसपैठियों को निकालकर बाहर करना चाहिए और फिर धीरे-धीरे पूरे देश में अवैध नागरिकों को बाहर करने की नीति सरकार की तरफ से बनानी चाहिए।"
--आईएएनएस
एससीएच/डीएससी
