मोहित ग्रेवाल: स्विमिंग और जूडो छोड़ पहलवानी में बनाया करियर
नई दिल्ली, 19 दिसंबर (आईएएनएस)। हरियाणा कुश्ती का केंद्र है। इस प्रदेश ने देश को पुरुष और महिला वर्ग में एक से बढ़कर एक पहलवान दिए हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर देश का नाम रोशन किया है। इन पहलवानों में एक नाम मोहित ग्रेवाल का भी है।
मोहित ग्रेवाल का जन्म 20 दिसंबर 1999 को हरियाणा के भिवानी जिले के बामला गांव में हुआ था। भिवानी कुश्ती के लिए प्रसिद्ध है और मोहित को कुश्ती विरासत में मिली है। उनके दादा और चाचा भी पहलवान रहे हैं। मोहित बचपन में स्विमिंग और जूडो में रुचि रखते थे और जूनियर वर्ग में राष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने इन खेलों में कई पदक भी जीते, लेकिन 2013 में, 14 वर्ष की आयु में उन्होंने स्थानीय अखाड़े में कुश्ती का प्रशिक्षण शुरू किया। हरियाणा के वीरेंद्र नेशनल अकादमी में मोहित ने पहलवानी के गुर सिखे।
मोहित ग्रेवाल एक फ्रीस्टाइल पहलवान हैं। 2016 में तुर्की में आयोजित वर्ल्ड स्कूल चैंपियनशिप में उन्होंने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय गोल्ड मेडल जीता। 2018 में जूनियर एशियन चैंपियनशिप में कांस्य पदक हासिल किया। वह बहुत तेजी से अंतरराष्ट्रीय जगत में अपना नाम बना रहे थे, लेकिन एक दुर्घटना ने उनकी गति को कुछ समय के लिए रोक दिया। घुटने की चोट की वजह से वे 2019-2020 में कोई टूर्नामेंट नहीं खेल सके।
इंजरी के बाद उन्होंने कुश्ती के रिंग में दमदार वापसी की और 2021 में सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में रजत पदक जीता। जून 2022 में कजाकिस्तान के अल्माटी में सीनियर अंतरराष्ट्रीय डेब्यू टूर्नामेंट में कांस्य पदक जीता। मोहित की सबसे बड़ी उपलब्धि 2022 बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में आई, जहां पुरुषों की 125 किग्रा फ्रीस्टाइल कुश्ती में उन्होंने कांस्य पदक जीता। क्वार्टरफाइनल में साइप्रस के एलेक्सियोस कौसलीडिस को 10-1 से हराया। सेमीफाइनल में कनाडा के अमरवीर ढेसी से वह हार गए थे। ब्रॉन्ज मेडल मैच में जमैका के आरोन जॉनसन को उन्होंने मात्र 3 मिनट 30 सेकंड में हराया था।
26 साल के मोहित का अगला लक्ष्य एशियन गेम्स और ओलंपिक में पदक जीतना है।
--आईएएनएस
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