मनरेगा पर हंगामे के बीच चिराग पासवान बोले, गांधीजी के विचारों को कोई खारिज नहीं कर सकता है?
नई दिल्ली, 18 दिसंबर (आईएएनएस)। मनरेगा का नाम बदलकर विकसित भारत-जी राम जी करने पर विपक्ष हमलावर है। वहीं, सत्ता पक्ष के नेताओं ने इसे जरूरी बताया और पुरानी योजनाओं में सुधार करने की बात कही। इस बीच केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने गुरुवार को अपनी प्रतिक्रिया दी।
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "यह सिर्फ नाम बदलने की बात नहीं है। यह एक नई योजना है और मौजूदा योजनाओं का विस्तार है। क्या 'नरेगा' का नाम बदलकर 'मनरेगा' नहीं किया गया था? समय-समय पर, जब योजनाओं का विस्तार किया जाता है और उन्हें आगे बढ़ाया जाता है, तो वे नई सोच और कभी-कभी नए नाम के साथ आती हैं। ऐसे में महात्मा गांधी के विचारों और सोच को कौन खारिज कर सकता है?"
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने योजना में सुधार के लिए इसे जरूरी बताया। उन्होंने कहा, "देशभर में 'मनरेगा' को लेकर जिस तरह के हालात बने थे, उसे देखते हुए इस स्कीम में सुधार की साफ जरूरत और मांग थी। इन हालात को ध्यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में, हमने रोजगार गारंटी को 100 दिन से बढ़ाकर 125 दिन करने का फैसला किया है। इसके अलावा स्कीम में टेक्नोलॉजी को शामिल करके, ज्यादा असरदार, प्रोडक्टिव और प्रभावशाली काम सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है।"
भाजपा सांसद दर्शन सिंह चौधरी ने कहा, "विपक्ष में इस सरकार को चुनौती देने की ताकत नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश लगातार तरक्की कर रहा है। नया विकसित भारत-जी राम जी बिल मनरेगा की कमियों को दूर करता है, जहां जमीनी स्तर पर भ्रष्टाचार होता था। यह बिल बड़े सुधार लाता है, राज्य अधिकारियों की जवाबदेही तय करता है और सिस्टम में डिजिटलीकरण और पारदर्शिता लाता है, जिससे भ्रष्टाचार करने वालों को परेशानी हो रही है।"
संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है। इस दौरान महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का नाम बदलकर 'विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण)' यानी विकसित भारत-जी राम जी करने से जुड़े बिल पर संसद में जोरदार बहस देखने को मिल रही है।
--आईएएनएस
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