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मेघालय में ईडी की बड़ी कार्रवाई, जीएचएडीसी विकास फंड में करोड़ों की गड़बड़ी का खुलासा

तुरा, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। मेघालय के वेस्ट गारो हिल्स जिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत पहली बड़ी कार्रवाई करते हुए तुरा शहर में अहम तलाशी अभियान चलाया। यह कार्रवाई गारो हिल्स ऑटोनॉमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल (जीएचडीसी) के विकास फंड में हुए करोड़ों रुपए के कथित गबन से संबंधित है। मामले में मुख्य आरोपी के रूप में बोस्टन सीएच. मारक, इस्माइल मारक, कुबोन संगमा और निकसेंग संगमा के नाम सामने आए हैं।
 
मेघालय में ईडी की बड़ी कार्रवाई, जीएचएडीसी विकास फंड में करोड़ों की गड़बड़ी का खुलासा

तुरा, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। मेघालय के वेस्ट गारो हिल्स जिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत पहली बड़ी कार्रवाई करते हुए तुरा शहर में अहम तलाशी अभियान चलाया। यह कार्रवाई गारो हिल्स ऑटोनॉमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल (जीएचडीसी) के विकास फंड में हुए करोड़ों रुपए के कथित गबन से संबंधित है। मामले में मुख्य आरोपी के रूप में बोस्टन सीएच. मारक, इस्माइल मारक, कुबोन संगमा और निकसेंग संगमा के नाम सामने आए हैं।

ईडी के शिलांग सब-जोनल ऑफिस (एसजीजेडओ) की टीम ने तुरा में आरोपियों से जुड़े पांच ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। जांच में यह खुलासा हुआ कि जीएचएडीसी के कुछ सदस्यों, ठेकेदारों और बिचौलियों की मिलीभगत से विकास कार्यों को नियमों के विरुद्ध रोक दिया गया और आवंटित धनराशि को अवैध रूप से एडवांस भुगतान के रूप में डायवर्ट किया गया। आरोपियों ने यह राशि बाद में अपने या परिवार के सदस्यों के बैंक खातों में ट्रांसफर कर ली।

ईडी की प्रारंभिक जांच के मुताबिक, जीएचएडीसी को आसनंग निर्वाचन क्षेत्र के लिए आवंटित कुल 28.66 करोड़ रुपए में भारी अनियमितताएं पाई गईं। समिति के सदस्यों ने ठेकेदारों के साथ मिलकर स्थापित प्रक्रियाओं को दरकिनार करते हुए बड़े पैमाने पर फंड का दुरुपयोग किया। कई मामलों में देखा गया कि स्वीकृत राशि का 60 प्रतिशत हिस्सा ठेकेदार कुबोन संगमा और निकसेंग संगमा को अवैध रूप से एडवांस के रूप में जारी किया गया, जबकि नियम स्पष्ट रूप से इसकी अनुमति नहीं देते।

तलाशी के दौरान अधिकारियों ने विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज, अचल संपत्तियों में निवेश से जुड़े कागजात और डिजिटल उपकरण जब्त किए। जांच में यह भी सामने आया कि इस्माइल मारक के निर्देश पर कुबोन संगमा और निकसेंग संगमा के नाम पर कई चेक जारी किए गए थे। कुबोन संगमा ने पूरी राशि निकालकर इस्माइल मारक को सौंप दी, जबकि निकसेंग संगमा ने चिह्नित बैंक खाते में अपनी हिस्सेदारी ट्रांसफर कर दी।

पूछताछ में ठेकेदारों ने स्वीकार किया कि उन्होंने बैंक से फंड निकालकर आरोपी सदस्यों और उनके परिवारों को सौंपा, जिससे जीएचडीसी के विकास फंड में बड़े पैमाने पर गबन की पुष्टि होती है। तलाशी के दौरान ईडी ने पीएमएलए की धारा 17(1ए) के तहत आरोपियों और उनके परिजनों के कई बैंक खातों को भी फ्रीज कर दिया है।

--आईएएनएस

एएसएच/डीकेपी