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पीएसीआर ने दिसंबर में यात्रियों की 13,000 से अधिक शिकायतों का किया समाधान

नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। नागरिक उड्डयन मंत्रालय में स्थापित 24 घंटे यात्री सहायता नियंत्रण कक्ष (पीएसीआर) ने इस महीने (दिसंबर) से अब तक केंद्रित निगरानी और त्वरित हस्तक्षेप के माध्यम से 13,000 से अधिक यात्रियों की शिकायतों का समाधान किया है। यह जानकारी रविवार को एक शीर्ष अधिकारी ने दी।
 
पीएसीआर ने दिसंबर में यात्रियों की 13,000 से अधिक शिकायतों का किया समाधान

नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। नागरिक उड्डयन मंत्रालय में स्थापित 24 घंटे यात्री सहायता नियंत्रण कक्ष (पीएसीआर) ने इस महीने (दिसंबर) से अब तक केंद्रित निगरानी और त्वरित हस्तक्षेप के माध्यम से 13,000 से अधिक यात्रियों की शिकायतों का समाधान किया है। यह जानकारी रविवार को एक शीर्ष अधिकारी ने दी।

नागरिक उड्डयन मंत्रालय के पीएसीआर सचिव समीर कुमार सिन्हा ने कामकाज पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि परिचालन संबंधी व्यवधानों के दौरान यात्रियों की सीधे सहायता के लिए 500 से अधिक कॉल-आधारित हस्तक्षेप भी किए गए हैं।

उड़ान में देरी, रद्द होने, रकम वापसी और सामान संबंधी समस्याओं से जुड़ी शिकायतों को प्राथमिकता दी जाती है और यात्री चार्टर के प्रावधानों के अनुसार उनका समाधान किया जाता है।

इस केंद्र की स्थापना यात्रियों की सहायता और संकटकालीन प्रतिक्रिया के लिए एक एकीकृत, भविष्य के लिए तैयार तंत्र को संस्थागत रूप देने के उद्देश्य से की गई है।

समीर कुमार सिन्हा ने आगे कहा कि पीएसीआर एक एकीकृत केंद्र के रूप में कार्य करता है, जो नागरिक उड्डयन मंत्रालय, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए), भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई), एयरलाइन ऑपरेटरों और अन्य प्रमुख हितधारकों के अधिकारियों को नई दिल्ली के उड़ान भवन में एक छत के नीचे लाता है।

उन्होंने कहा, "पीएसीआर 24 घंटे काम करता है, विमानन संचालन की लगातार निगरानी करता है, यात्रियों की कॉल का जवाब देता है, और वास्तविक समय में सहायता और शिकायत निवारण का समन्वय बहुत कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से करता है।"

एयरसेवा प्रणाली को पीएसीआर में पूरी तरह से एकीकृत कर दिया गया है, जिससे इसके माध्यम से प्राप्त यात्रियों की शिकायतों का सुचारू रूप से निपटान संभव हो सकेगा।

एक सर्वव्यापी तकनीकी आधार यात्रियों की सूचनाओं को कार्रवाई योग्य मामलों में परिवर्तित करता है, जिसे डेटा-संचालित डैशबोर्ड द्वारा समर्थित किया जाता है जो शिकायत के प्रकार, समयसीमा और हितधारकों की कार्रवाई पर लाइव दृश्यता प्रदान करते हैं।

कंट्रोल रूम में एयरलाइन प्रतिनिधियों की प्रत्यक्ष उपस्थिति से तत्काल समन्वय और समस्याओं का मौके पर ही समाधान संभव हो पाता है।

शिकायत निवारण की गति, पारदर्शिता और प्रभावशीलता में हुए उल्लेखनीय सुधार को हवाई यात्रियों और हितधारकों दोनों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।

सचिव सिन्हा ने कहा, "नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने समर्पित जनशक्ति, उन्नत तकनीकी सहायता और बेहतर लॉजिस्टिक सुविधाओं के प्रावधान द्वारा पीएसीआर को और मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की है, यह सुनिश्चित करते हुए कि यह प्रणाली हर समय यात्रियों को सहानुभूति, दक्षता और जवाबदेही के साथ सेवा प्रदान करती रहे।"

पीएसीआर भारत के नागरिक उड्डयन तंत्र के केंद्र में यात्री को रखने के स्पष्ट दृष्टिकोण पर आधारित है।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, यह यात्रियों को प्राथमिकता देने, सहयोगात्मक कार्रवाई, हितधारकों के समन्वय और भविष्य के लिए तैयार, प्रौद्योगिकी संचालित ढांचे के सिद्धांतों द्वारा निर्देशित है। यह वास्तविक समय समन्वय, डेटा-समर्थित निर्णय लेने और यात्री सहायता में निरंतर सुधार के लिए स्केलेबल संचालन को सक्षम बनाता है।

बयान में कहा गया है कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय, एएआई और डीजीसीए के शीर्ष अधिकारी नियंत्रण प्रणाली के कामकाज की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह प्रभावी ढंग से कार्य करे।

भारत के विमानन क्षेत्र ने पिछले एक दशक में, विशेष रूप से पिछले 11 वर्षों में, अभूतपूर्व वृद्धि देखी है, जिसके परिणामस्वरूप यात्री यातायात और कनेक्टिविटी में तीव्र वृद्धि हुई है।

हालांकि, इस विस्तार से काफी सफलता मिली है, लेकिन इसके परिणामस्वरूप उड़ान में देरी, धनवापसी संबंधी शिकायतें, सामान संबंधी समस्याएं, भीड़भाड़, लंबी कतारें, और व्यस्त समय में यात्रियों के लिए अपर्याप्त सुविधाएं जैसी लगातार चुनौतियां भी उत्पन्न हुई हैं।

बयान में आगे कहा गया है कि इन चुनौतियों ने यात्री-केंद्रित मुद्दों को संबोधित करने के लिए एक संरचित, समन्वित और वास्तविक समय प्रतिक्रिया तंत्र की आवश्यकता को रेखांकित किया है।

--आईएएनएस

एएसएच/डीकेपी