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जम्मू कश्मीर: जेकेएएस परीक्षा को एक हफ्ते टालने की मांग, उपराज्यपाल को लिखा गया पत्र

श्रीनगर, 6 दिसंबर (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर स्टूडेंट्स एसोसिएशन (जेकेएएस) ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को खुला पत्र लिखकर जेकेएएस और सिविल सेवा परीक्षा को कम से कम एक हफ्ते के लिए टालने की गुहार लगाई है।
 
जम्मू कश्मीर: जेकेएएस परीक्षा को एक हफ्ते टालने की मांग, उपराज्यपाल को लिखा गया पत्र

श्रीनगर, 6 दिसंबर (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर स्टूडेंट्स एसोसिएशन (जेकेएएस) ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को खुला पत्र लिखकर जेकेएएस और सिविल सेवा परीक्षा को कम से कम एक हफ्ते के लिए टालने की गुहार लगाई है।

एसोसिएशन का कहना है कि आयु सीमा में छूट और परीक्षा होने या न होने को लेकर चल रही भारी अनिश्चितता की वजह से हजारों अभ्यर्थी देश के अलग-अलग शहरों में फंसे हुए हैं और मानसिक तनाव का शिकार हो रहे हैं।

जेकेएसए के प्रवक्ता नासिर खुएहामी ने बताया कि दिल्ली, बेंगलुरु, पुणे, चंडीगढ़, मुंबई, हैदराबाद और उत्तर प्रदेश समेत कई शहरों के एयरपोर्ट और ट्रांजिट पॉइंट्स पर सैकड़ों छात्र पिछले कई दिनों से फंसे हैं। ये छात्र कोचिंग या कॉलेज के लिए बाहर गए थे, लेकिन अब न परीक्षा की तारीख पक्की है, न आयु छूट का कोई लिखित आदेश जारी हुआ है। इसके चलते कोई घर लौट पा रहा है और न ही परीक्षा केंद्र तक पहुंच पा रहा है। जम्मू-कश्मीर आने-जाने वाली ज्यादातर फ्लाइट्स या तो रद्द हो चुकी हैं या उनका किराया आसमान छू रहा है। सड़क मार्ग भी पूरी तरह बंद हैं।

छात्रों और उनके परिवारों पर आर्थिक बोझ बहुत बढ़ गया है। कई अभ्यर्थियों के पास अब पैसे भी खत्म हो चुके हैं। लगातार फोन और मैसेज आ रहे हैं कि बच्चे रो रहे हैं, कुछ को पैनिक अटैक आ रहे हैं और कई छात्रों ने सालों की मेहनत छोड़ने की बात तक कह दी है। एसोसिएशन ने इसे “मानवीय आपातकाल” करार दिया है।

जेकेएसए का कहना है कि परीक्षा शुरू होने में अब 20 घंटे से भी कम समय बचा है, लेकिन जेकेपीएससी की तरफ से अभी तक कोई स्पष्ट लिखित नोटिफिकेशन नहीं आया है। बिना साफ निर्देश के छात्र न तो यात्रा कर सकते हैं और न ही परीक्षा की तैयारी पूरी कर पा रहे हैं। एसोसिएशन ने एलजी से अनुरोध किया है कि वे तुरंत हस्तक्षेप करें, जेकेपीएससी को परीक्षा एक हफ्ते स्थगित करने का आदेश दें और इसी दौरान आयु सीमा में छूट के सभी लंबित मामलों को हमेशा के लिए सुलझा दिया जाए।

छात्रों का कहना है कि यह सिर्फ परीक्षा का मामला नहीं, बल्कि उनके पूरे भविष्य का सवाल है। सालों की मेहनत, परिवार की जमा पूंजी और सपने एक प्रशासनिक देरी की भेंट चढ़ते दिख रहे हैं। जेकेएसए ने चेतावनी दी है कि अगर तुरंत कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो हजारों छात्र सड़कों पर उतरने को मजबूर हो जाएंगे।

फिलहाल पूरे जम्मू-कश्मीर के युवा अपनी निगाहें राजभवन पर टिकाए हुए हैं कि कब कोई राहत भरा आदेश आता है।

--आईएएनएस

एसएचके/डीएससी