जापान में लैंड फोर्सेस समिट, थलशक्ति सहयोग के लिए सेना प्रमुख का फ्रेमवर्क
नई दिल्ली, 18 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतीय थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने जापान में हो रही लैंड फोर्सेस समिट को संबोधित किया। जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने अपने संबोधन में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में थल शक्ति सहयोग को सुदृढ़ करने के लिए एक फ्रेमवर्क प्रस्तुत किया। सेना प्रमुख ने इसे क्षेत्रीय देशों के बीच बहुपक्षीय सैन्य सहयोग को मजबूत करने के लिए एक समग्र रोडमैप बताया। यह फ्रेमवर्क सहयोग के लिए एक साझा, संरचित और भविष्य-उन्मुख दृष्टिकोण पर बल देता है।
जापान ग्राउंड सेल्फ-डिफेंस फोर्स की मेजबानी में आयोजित यह तीसरी लैंड फोर्सेस समिट है। भारतीय थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने गुरुवार को वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया। इस बहुपक्षीय शिखर सम्मेलन में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान, फिलीपींस और मलेशिया के थलसेना प्रमुखों एवं वरिष्ठ सैन्य नेतृत्व ने भाग लिया है।
जनरल द्विवेदी ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में थल शक्ति सहयोग को सुदृढ़ करने के लिए एक नवीन और दूरदर्शी फ्रेमवर्क प्रस्तुत किया। उन्होंने इसे क्षेत्रीय सेनाओं के बीच सहयोग, सामंजस्य और साझा उद्देश्य का रोडमैप बताया। जनरल द्विवेदी द्वारा प्रतिपादित फ्रेमवर्क के प्रमुख घटकों में परस्पर संचालन क्षमता एवं सूचना साझा करना शामिल है। इससे मित्र देशों की सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल, संयुक्त अभियानों की क्षमता और रियल-टाइम सूचना आदान-प्रदान की जा सकती है। ज्ञान एवं प्रोफेशनल सैन्य शिक्षा प्रशिक्षण की बात भी इस फ्रेमवर्क में शामिल है।
सैन्य शिक्षा और अनुभव साझा कर पेशेवर दक्षता को बढ़ाया जा सकता है। फ्रेमवर्क में अंतरराष्ट्रीय मानवीय सहायता एवं आपदा राहत को भी शामिल किया गया है। इसका मकसद प्राकृतिक आपदाओं के समय संयुक्त एवं त्वरित प्रतिक्रिया तंत्र विकसित करना है। यह फ्रेमवर्क नवाचार, उभरती प्रौद्योगिकियों और रक्षा तकनीक में सहयोग व उन्नत तकनीकी साझेदारियों का समर्थन करता है। सुरक्षा साझेदारियों के लिए आश्वासन के तौर पर क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए विश्वास, प्रतिबद्धता और दीर्घकालिक सहयोग की बात भी फ्रेमवर्क में है।
वहीं इसमें आपूर्ति, रखरखाव और परिचालन निरंतरता में साझा व्यवस्था को भी प्राथमिकता दी गई है।
थल सेनाध्यक्ष ने सहयोग के तीन प्रमुख स्तंभों को भी रेखांकित किया, इनमें साझा आकलन, साझा सिद्धांत व सांझी कार्यवाही शामिल है। उन्होंने कहा कि यह फ्रेमवर्क इंडो-पैसिफिक देशों के बीच एक साझा उद्देश्य और सामूहिक संकल्प को दर्शाता है। इसके माध्यम से क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि की रक्षा के लिए सामूहिक थल शक्ति का प्रभावी उपयोग किया जा सकता है।
गौरतलब है कि लैंड फोर्सेस समिट का उद्देश्य बहुपक्षीय आर्मी-टू-आर्मी रक्षा सहयोग को बढ़ावा देना है। इसके तहत बहुराष्ट्रीय वरिष्ठ नेतृत्व सत्र, संरचित लैंड फोर्सेस डायलॉग और साझा रणनीतिक दृष्टिकोण पर विचार-विमर्श किया जाता है। यह शिखर सम्मेलन इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में विश्वास, सहयोग और सामरिक साझेदारी को और अधिक मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
--आईएएनएस
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