जापान का औपनिवेशिक शासन थाईवान के इतिहास का सबसे काला अध्याय है : चीनी प्रतिनिधि
बीजिंग, 19 दिसंबर (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र में चीन के स्थायी प्रतिनिधि फू छ्वूंग ने 'सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में उपनिवेशवाद के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस' के उपलक्ष्य में आयोजित संयुक्त राष्ट्र महासभा की उच्च स्तरीय बैठक को संबोधित किया।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जापान के अमानवीय उपनिवेशी शासन और थाईवान में उसके द्वारा किए गए अनगिनत अपराधों को नकारा या विकृत नहीं किया जा सकता, सैन्यवाद को फिर से पनपने नहीं दिया जा सकता और ऐतिहासिक त्रासदी को दोहराने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
फू छ्वूंग ने कहा कि यद्यपि उपनिवेशी शासन समाप्त हो चुका है और उपनिवेशी व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है, फिर भी दुनिया अभी तक उपनिवेशवाद की छाया से बाहर नहीं निकल पाई है, और उपनिवेशवाद से उत्पन्न वर्चस्ववाद, एकतरफावाद और सत्ता की राजनीति व्यापक रूप से व्याप्त है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को अंतर्राष्ट्रीय निष्पक्षता और न्याय को बनाए रखना चाहिए और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में लोकतंत्रीकरण और कानून के शासन को बढ़ावा देना चाहिए। विश्व फासीवाद-विरोधी युद्ध का इतिहास हमें बताता है कि शांति के लिए संघर्ष करना और उसे बनाए रखना आवश्यक है। थाईवान में जापानी आक्रमणकारियों ने अनगिनत अपराध किए। यह थाईवान के इतिहास का सबसे काला अध्याय है।
फू छ्वूंग ने जोर देते हुए कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध में पराजित राष्ट्र के रूप में, जापान को अपनी ऐतिहासिक जवाबदेही पर गहराई से विचार करना चाहिए, थाईवान मुद्दे पर अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धताओं का पालन करना चाहिए, अपनी उकसावे वाली कार्रवाइयों को तुरंत बंद करना चाहिए और अपने गलत बयानों को वापस लेना चाहिए।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
--आईएएनएस
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