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जब संसद की कार्यवाही पर इतना खर्च हो रहा तो हमारी बात भी सुनी जाए: कांग्रेस सांसद पी. बलराम नायक

नई दिल्ली, 19 दिसंबर (आईएएनएस)। तेलंगाना में महबूबाबाद के सांसद पी. बलराम नायक ने शुक्रवार को संसद सत्र खत्म होने पर सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि संसद में जैसे ही पीएम मोदी और गृह मंत्री आए, सदन की कार्रवाई स्थगित कर दी गई। हमें पहले भी अपनी बात रखने का अवसर नहीं मिला।
 
जब संसद की कार्यवाही पर इतना खर्च हो रहा तो हमारी बात भी सुनी जाए: कांग्रेस सांसद पी. बलराम नायक

नई दिल्ली, 19 दिसंबर (आईएएनएस)। तेलंगाना में महबूबाबाद के सांसद पी. बलराम नायक ने शुक्रवार को संसद सत्र खत्म होने पर सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि संसद में जैसे ही पीएम मोदी और गृह मंत्री आए, सदन की कार्रवाई स्थगित कर दी गई। हमें पहले भी अपनी बात रखने का अवसर नहीं मिला।

कांग्रेस सांसद पी. बलराम नायक ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि राज्य के मुद्दे को हम संसद भवन में बता सकते हैं और बाहर भी कह सकते हैं। जीरो ऑवर के समय हमें राज्य और संसदीय क्षेत्र के मुद्दों को उठाने का मौका एक बार भी नहीं मिला। सदन की कार्यवाही ऐसे कैसे चलेगी?

उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेताओं को भी सुना जाना चाहिए। सदन में हमारी सुनवाई ही नहीं होती। जब हमारी बात ही नहीं सुनी जाती, हमें बोलने ही नहीं देते, तो सदन की कार्रवाई किस काम की? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से निवेदन है कि हमारी बातें सुनी जाएं। इतने खर्च के बाद जब संसद चल रही है, तो हमें क्यों नहीं सुना जा रहा है?

उन्होंने यह भी कहा कि बार-बार सदन स्थगित कर दिया जाता है। हम विपक्ष में बैठे हैं, हमें भी मौका मिले। सदन की कार्यवाही ठीक से चलनी चाहिए। हमें यात्रा और किसानों से जुड़ी कई समस्याएं हैं। छात्रों की भी समस्याएं हैं, लेकिन हम बोल नहीं सकते। हमारे फंड रोके गए हैं। मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री से भी मुलाकात की, लेकिन हमारी सुनवाई ही नहीं है।

कांग्रेस सांसद पी. बलराम नायक ने कहा कि भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाला है, हमें इसकी इज्जत करनी होगी, लेकिन प्रधानमंत्री हमें मौका ही नहीं दे रहे हैं। विकास जस का तस रुका हुआ है। अस्पताल ठीक नहीं हैं। गांवों में सड़क और पीने का स्वच्छ पानी भी नहीं है। भारत की अर्थव्यवस्था दूसरे या तीसरे नंबर पर आ रही है, यह सिर्फ बोलने से काम नहीं चलेगा।

उन्होंने कहा कि हमारा मुद्दा है कि शिक्षा क्षेत्र में कितना विकास हुआ है? खेती में हम बाहर से क्या-क्या लाए और क्या-क्या भेजा? स्वास्थ्य सेक्टर में क्या हुआ? सरकार को क्या-क्या सफलता मिली है, इस पर संसद में चर्चा होनी चाहिए।

वीबी-जी राम जी पर उन्होंने कहा कि रोजगार का बिल पास कर देने से काम खत्म नहीं होता। गरीबों के लिए रोजगार जरूरी है। जब अंबेडकर जी ने 100 दिन का रोजगार दिया, तो इसका मतलब अपने क्षेत्र में रोजगार मिले, बच्चों को स्कूल भेजें और अन्य तरक्की हो, इसलिए यह पॉलिसी लाई गई। देश कितनी तरक्की कर रहा है, यह जानने के लिए गरीबों को देखना चाहिए। ये तो मकान बनाने पर जीएसटी लगा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि देश में गरीबी अधिक है। अब कोई मुंबई, केरल या अन्य जगहों पर जाकर काम करेगा, तो अपने बच्चों को कैसे पढ़ाएगा? बिल पास करने से कुछ नहीं होता। उनके पास बहुमत है, तो कुछ भी पास कर सकते हैं। मनरेगा को लेकर कोई बिल आना ही नहीं चाहिए था। ये तो गरीबों के लिए है, गरीबों की रोटी है। ये उसे भी खाने की कोशिश कर रहे हैं।

--आईएएनएस

एएमटी/वीसी