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इंदौर फर्जी शराब चालान स्कैम: ईडी की अभियोजन शिकायत पर कोर्ट ने लिया संज्ञान

इंदौर, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), इंदौर सब-जोनल ऑफिस ने 29 नवंबर को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के नियमों के तहत शराब के फर्जी चालान स्कैम के मामले में स्पेशल कोर्ट (पीएमएलए), इंदौर के सामने अभियोजन शिकायत दाखिल की है। इस पर कोर्ट ने गुरुवार को संज्ञान लिया।
 
इंदौर फर्जी शराब चालान स्कैम: ईडी की अभियोजन शिकायत पर कोर्ट ने लिया संज्ञान

इंदौर, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), इंदौर सब-जोनल ऑफिस ने 29 नवंबर को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के नियमों के तहत शराब के फर्जी चालान स्कैम के मामले में स्पेशल कोर्ट (पीएमएलए), इंदौर के सामने अभियोजन शिकायत दाखिल की है। इस पर कोर्ट ने गुरुवार को संज्ञान लिया।

ईडी ने इंदौर के रावजी पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर के आधार पर अलग-अलग शराब ठेकेदारों के खिलाफ ट्रेजरी चालान में जालसाजी और हेराफेरी करके सरकारी रेवेन्यू को नुकसान पहुंचाने के आरोप में जांच शुरू की।

आरोपी छोटी रकम के चालान बनाकर बैंक में जमा करते थे। चालान के तय फॉर्मेट में 'रुपए अंकों में' और 'रुपए शब्दों में' लिखा होता था। वैल्यू अंकों में भरी जाती थी, लेकिन 'रुपए शब्दों में' के लिए खाली जगह छोड़ दी जाती थी। रकम जमा करने के बाद, जमा करने वाला बाद में 'रुपए शब्दों में' में रकम में हेरफेर करता था और 'रुपए शब्दों में' के लिए खाली जगह में बढ़ी हुई रकम भर देता था और ऐसी बढ़ी हुई रकम के हेरफेर किए गए चालान की कॉपी संबंधित देसी शराब गोदाम या विदेशी शराब के मामले में जिला आबकारी ऑफिस में जमा की जाती थी।

इसे देसी शराब गोदाम या इंदौर के जिला आबकारी ऑफिस में अधिकारी को दिखाकर और शराब ड्यूटी/बेसिक लाइसेंस फीस/मिनिमम गारंटी के तौर पर रकम जमा करके एनओसी ले ली जाती थी। इस तरह, कम ड्यूटी देने के बावजूद ज्यादा शराब का स्टॉक जमा कर लिया जाता था, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान होता था।

पीएमएलए जांच से पता चला कि राजू दशवंत, अंश त्रिवेदी और दूसरे शराब ठेकेदार मिलकर 49 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई से जुड़े अलग-अलग प्रोसेस और कामों में शामिल थे, जो जालसाजी, धोखाधड़ी और क्रिमिनल साजिश जैसे अपराधों से मिले थे। इससे पहले, ईडी ने इस मामले में मुख्य आरोपी राजू दशवंत और अंश त्रिवेदी को गिरफ्तार किया था। वे अभी न्यायिक हिरासत में हैं।

जांच के दौरान, ईडी इंदौर सब-जोनल ऑफिस ने 28 नवंबर को एक प्रोविजनल अटैचमेंट ऑर्डर भी जारी किया था, जिसमें 21.18 करोड़ रुपए की 28 अचल संपत्तियां (एक्विजिशन वैल्यू) अटैच की गई थीं। इन संपत्तियों की मौजूदा मार्केट वैल्यू 70 करोड़ रुपए से ज्यादा है। फिलहाल, आगे की जांच चल रही है।

--आईएएनएस

पीआईएम/डीकेपी