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हम सत्र में चर्चा से भागने वाले लोग नहीं : भाजपा विधायक राम कदम

मुंबई, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र विधानसभा का शीतकालीन सत्र 8 दिसंबर से 14 दिसंबर तक चलने वाला है। विपक्ष सरकार पर सत्र को छोटा रखने का आरोप लगा रहा है। वहीं महायुति सरकार सत्र के लिए पर्याप्त समय होने की बात कर रही है। इस बीच भाजपा विधायक राम कदम ने गुरुवार को विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि हम सत्र में चर्चा से भागने वाले लोग नहीं हैं।
 
हम सत्र में चर्चा से भागने वाले लोग नहीं : भाजपा विधायक राम कदम

मुंबई, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र विधानसभा का शीतकालीन सत्र 8 दिसंबर से 14 दिसंबर तक चलने वाला है। विपक्ष सरकार पर सत्र को छोटा रखने का आरोप लगा रहा है। वहीं महायुति सरकार सत्र के लिए पर्याप्त समय होने की बात कर रही है। इस बीच भाजपा विधायक राम कदम ने गुरुवार को विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि हम सत्र में चर्चा से भागने वाले लोग नहीं हैं।

भाजपा विधायक राम कदम ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "जब विपक्ष सत्ता में था, तो वे सिर्फ 2-3 दिन के लिए ही विधानसभा सत्र और विधानसभा परिषद के सत्र रखते थे। हमने इसे पूरी तरह से 8 दिन के लिए रखा है और बीच की सभी छुट्टियां हटा दी हैं; हमारा सत्र रविवार को भी है। हम ऐसे लोग नहीं हैं जो सेशन से भागते हैं, बल्कि चलाते हैं। लेकिन जैसा कि आप देख सकते हैं, महाराष्ट्र में चुनाव चल रहे हैं और हर विधायक कैंपेन में बिज़ी है, तो ऐसे में सेशन रखने का क्या फ़ायदा जब विधायक आएंगे ही नहीं?"

उन्होंने कहा, "विपक्ष लोगों के हितों को लेकर प्रश्न पूछे, उसका जवाब हम देंगे। पर सत्र को बाधित करने की नौटंकी महाराष्ट्र का विपक्ष न करे। विधानसभा कानून बनाने की एक जगह है।"

भाजपा विधायक ने शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा, "श्रीराम मंदिर अयोध्या में बनने जा रहा था। जिस मंदिर पर सवाल उठाने वाले दल और मंदिर बनने से जिसे सबसे ज्यादा दुख हुआ, उस गांधी परिवार की गोद में उद्धव ठाकरे बैठे हुए हैं। अब वो मंदिरों की चर्चा करेंगे।"

उन्होंने कहा, "अभी महाराष्ट्र की जनता नहीं भूली कि उन्होंने दारू के ठेके चालू किए थे और मंदिरों को ताला लगाया था। उनके सांसद जब चुनकर आए, तो पाकिस्तान के झंडे लहरा रहे थे और पाकिस्तान के पक्ष में नारे लगाए जा रहे थे, तो उनका हिंदुत्व कहां था? स्वर्गीय बाला साहेब के हिंदुत्व को त्यागते नहीं तो शायद बद से बदतर हालत उनकी नहीं होती।"

--आईएएनएस

एससीएच/एएस