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बलूचिस्तान में पाकिस्तानी बलों की अंधाधुंध फायरिंग के खिलाफ ग्रामीणों का प्रदर्शन

क्वेटा, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। बलूचिस्तान के केच जिले में गुरुवार को ग्रामीणों ने पाकिस्तानी सुरक्षा बलों द्वारा स्थानीय नागरिकों पर की जा रही अंधाधुंध फायरिंग के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पाकिस्तानी बलों की “बर्बर प्रवृत्ति” लगातार बढ़ रही है और इसका शिकार आम लोग बन रहे हैं।
 
बलूचिस्तान में पाकिस्तानी बलों की अंधाधुंध फायरिंग के खिलाफ ग्रामीणों का प्रदर्शन

क्वेटा, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। बलूचिस्तान के केच जिले में गुरुवार को ग्रामीणों ने पाकिस्तानी सुरक्षा बलों द्वारा स्थानीय नागरिकों पर की जा रही अंधाधुंध फायरिंग के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पाकिस्तानी बलों की “बर्बर प्रवृत्ति” लगातार बढ़ रही है और इसका शिकार आम लोग बन रहे हैं।

बलूच विमेन फोरम के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने दोषियों को सख्त सजा देने और ऐसी घटनाओं पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है।

यह विरोध 8 दिसंबर को केच जिले के बलगतार के सहाकी इलाके में हुई घटना के बाद शुरू हुआ, जहां पाकिस्तानी सुरक्षा कर्मियों ने कथित तौर पर नागरिकों पर गोलीबारी की थी, जिसमें दुरदाना बलूच नामक एक महिला घायल हो गई थी।

बलूच विमेन फोरम ने बयान जारी कर कहा, “पिछले कई वर्षों से बलूचिस्तान को राज्य प्रायोजित बर्बरता की विनाशकारी प्रवृत्ति में धकेल दिया गया है। इसमें बलूच महिलाओं के जबरन गायब किए जाने, गांवों को बुलडोज़ करने और नागरिकों पर अंधाधुंध गोलीबारी जैसी घटनाएं शामिल हैं। हम ऐसी हर नीति की कड़ी निंदा करते हैं और इसके खिलाफ जन प्रतिरोध को मजबूती देने की अपील करते हैं।”

संगठन ने आगे कहा कि बलगतार पहले भी सुरक्षा के नाम पर जबरन खाली कराने, महिलाओं के उत्पीड़न और अब मध्यरात्रि में नागरिकों पर अंधाधुंध फायरिंग जैसे गंभीर अपराधों का सामना कर चुका है।

बलूच विमेन फोरम ने बलूचिस्तान, विशेषकर बलगतार के नागरिकों पर हो रहे अत्याचारों को तुरंत रोकने और दोषियों के खिलाफ समयबद्ध कार्रवाई की मांग की।

इससे पहले मंगलवार को केच स्थित तुर्बत विश्वविद्यालय के छात्रों ने तीन लापता छात्रों नूर खान नज़र, रहमत हल्को और इमरान ताज की बरामदगी की मांग को लेकर परिसर में विरोध रैली निकाली थी। द बलूचिस्तान पोस्ट के अनुसार, बड़ी संख्या में छात्र हाथों में बैनर और पोस्टर लेकर कैम्पस में मार्च कर रहे थे।

छात्र नेताओं के मुताबिक, नूर खान नज़र 6 दिसंबर से, रहमत हल्को 5 अक्टूबर से और इमरान ताज 21 जून से लापता हैं। पाकिस्तानी अधिकारियों ने अब तक उनके बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। इस चुप्पी के कारण परिवारों और छात्रों के बीच गहरी चिंता और मानसिक तनाव बढ़ गया है।

प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि अगर लापता छात्रों को जल्द बरामद नहीं किया गया तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। साथ ही, उन्होंने बलूचिस्तान में युवाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग भी की।

--आईएएनएस

डीएससी