वीर बाल दिवस: जेपी नड्डा ने गुरुद्वारा सीस गंज साहिब जाकर मत्था टेका
नई दिल्ली, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। वीर बाल दिवस के अवसर पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने शुक्रवार को चांदनी चौक स्थित गुरुद्वारा सीस गंज साहिब जाकर मत्था टेका और प्रार्थना की।
नड्डा ने कहा कि सिख धर्म की नींव उसके गुरुओं के बलिदानों पर टिकी है और सिख राष्ट्र के अग्रणी रक्षक हैं।
एक बयान के अनुसार, उनके साथ दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा, दिल्ली के मंत्री सरदार मनजिंदर सिंह सिरसा, वरिष्ठ भाजपा नेता सरदार कुलदीप सिंह, चांदनी चौक नगर निगम पार्षद सुमन कुमार गुप्ता और जिला अध्यक्ष अरविंद गर्ग ने भी गुरुद्वारा साहिब में प्रार्थना की।
इससे पहले दिन में, भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन ने सिख समुदाय के शहीदी महीने के उपलक्ष्य में शुक्रवार को दिल्ली के गुरुद्वारा बंगला साहिब का दौरा किया और प्रार्थना की। एक पार्टी नेता ने यह जानकारी दी।
एक बयान के अनुसार, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष सचदेवा, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री सरदार मनजिंदर सिंह सिरसा और भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया सह-संयोजक संजय मयूख ने भी नबीन के साथ गुरुद्वारा बंगला साहिब में प्रार्थना की।
केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भी वीर बाल दिवस के अवसर पर प्रार्थना की।
केंद्रीय गृह मंत्री ने एक पोस्ट में कहा कि गुरु गोविंद सिंह के वीर पुत्रों द्वारा अल्पवयस्कता में धर्म और देश की रक्षा के लिए किए गए बलिदान इतिहास में दुर्लभ उदाहरण हैं।
उन्होंने कहा कि माता गुजरी और गुरु गोविंद सिंह द्वारा साहिबजादों में स्थापित किए गए वे मूल्य, जिन्होंने मानवता की रक्षा के बीज बोए, क्रूर अत्याचारियों के अमानवीय अत्याचारों से भी विचलित नहीं हो सके।
गृह मंत्री शाह ने कहा कि चारों साहिबजादों के बलिदान की गाथा को हर पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'वीर बाल दिवस' मनाने की पहल की।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शुक्रवार को त्यागराज स्टेडियम में आयोजित एक कार्यक्रम में दिल्ली सरकार की ओर से वीर बाल दिवस के स्मरणोत्सव का नेतृत्व किया।
पुराना किला में लेजर और लाइट शो का आयोजन भी किया गया, जिसमें प्रकाश और ध्वनि के प्रभावशाली संयोजन के माध्यम से साहिबजादों की वीरतापूर्ण गाथा को जीवंत किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकार की प्रस्तुतियाँ इतिहास के स्वर्णिम अध्यायों को युवा पीढ़ी तक भावनात्मक रूप से प्रभावी ढंग से पहुँचाने का एक सशक्त माध्यम हैं।
उन्होंने कहा कि वीर बाल दिवस केवल स्मरण का दिन नहीं है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों में साहस, आत्मसम्मान, देशभक्ति और नैतिक दृढ़ता के मूल्यों को स्थापित करने का सामूहिक संकल्प है।
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