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चालू वित्त वर्ष में यूपीआई फ्रॉड के अब तक 805 करोड़ रुपए के मामले सामने आए

नई दिल्ली, 15 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत में चालू वित्त वर्ष 2026 के नवंबर तक यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के जरिए 805 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी हुई है, जिसमें 10.64 लाख घटनाएं शामिल हैं। यह संख्या पिछले वित्तीय वर्षों की तुलना में बढ़ी है, क्योंकि यूपीआई का उपयोग बढ़ रहा है। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सोमवार को लोकसभा में यह जानकारी दी।
 
चालू वित्त वर्ष में यूपीआई फ्रॉड के अब तक 805 करोड़ रुपए के मामले सामने आए

नई दिल्ली, 15 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत में चालू वित्त वर्ष 2026 के नवंबर तक यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के जरिए 805 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी हुई है, जिसमें 10.64 लाख घटनाएं शामिल हैं। यह संख्या पिछले वित्तीय वर्षों की तुलना में बढ़ी है, क्योंकि यूपीआई का उपयोग बढ़ रहा है। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सोमवार को लोकसभा में यह जानकारी दी।

वित्त वर्ष 2024-25 में यूपीआई से जुड़े धोखाधड़ी के 981 करोड़ रुपए के मामले सामने आए, जिसमें 12.64 लाख घटनाएं शामिल हैं, जबकि 2023-24 में यह आंकड़ा 13.42 लाख घटनाओं के साथ 1,087 करोड़ रुपए रहा था।

मंत्री ने कहा कि देश में डिजिटल भुगतान लेन-देन बढ़ने के साथ-साथ धोखाधड़ी की घटनाओं में भी बढ़ोतरी हुई है।

वित्त वर्ष 2022-23 में यूपीआई से संबंधित 573 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी हुई, जो 2021-22 के मुकाबले काफी अधिक थी, तब यह आंकड़ा 242 करोड़ रुपए था। यह वृद्धि डिजिटल भुगतान के बढ़ते उपयोग के कारण हुई है।

यूपीआई धोखाधड़ी को रोकने के लिए सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने कई कदम उठाए हैं। इनमें ग्राहक के मोबाइल नंबर और डिवाइस के बीच डिवाइस बाइंडिंग, पिन के जरिए दो-स्टेप वेरिफिकेशन, दैनिक लेन-देन सीमा और कुछ विशेष उपयोग मामलों पर सीमाएं शामिल हैं।

एनपीसीआई सभी बैंकों को धोखाधड़ी की निगरानी के लिए एक समाधान प्रदान करता है, जो एआई/एमएल आधारित मॉडल्स का उपयोग करके अलर्ट जनरेट करता है और संदिग्ध लेन-देन को अस्वीकार करता है। इसके साथ ही आरबीआई और बैंकों ने साइबर क्राइम की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान चलाए हैं, जिसमें एसएमएस, रेडियो अभियान और प्रचार शामिल हैं।

इसके अलावा, सभी नागरिकों को साइबर अपराध, जिसमें वित्तीय धोखाधड़ी भी शामिल है, की रिपोर्ट करने में मदद के लिए गृह मंत्रालय ने एक राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल और साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर '1930' शुरू किया है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वहीं दूसरी ओर दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म (डीआईपी) और 'चक्षु' सुविधा शुरू की है, जो नागरिकों को कॉल, एसएमएस या व्हाट्सएप पर प्राप्त संदिग्ध धोखाधड़ी वाले संदेशों की रिपोर्ट करने में मदद करती है।

एनपीसीआई के आंकड़ों के मुताबिक, यूपीआई का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। नवंबर महीने में यूपीआई लेन-देन की संख्या में 32 प्रतिशत का वृद्धि दर्ज की गई, जो 20.47 अरब तक पहुंच गई। इसके अलावा, लेन-देन के मूल्य में 22 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो 26.32 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।

--आईएएनएस

दुर्गेश बहादुर/एबीएस