परंबिकुलम-अलियार प्रोजेक्ट नहरों की सफाई के लिए तमिलनाडु सरकार ने मंजूर किए 10 करोड़ रुपए, पोंगल से पहले पूरा होगा काम
चेन्नई, 6 दिसंबर (आईएएनएस)। तमिलनाडु की स्टालिन सरकार ने परंबिकुलम-अलियार प्रोजेक्ट (पीएपी) की नहरों की सफाई (डिसिल्टिंग) के लिए 10 करोड़ रुपए के विशेष पैकेज को मंजूरी दे दी है। जल संसाधन विभाग (डब्ल्यूआरडी) की ओर से जारी आदेश के अनुसार, नहरों की सफाई का काम चौथे जोन में चल रहे जल-प्रवाह चक्र के समाप्त होते ही शुरू कर दिया जाएगा।
डब्ल्यूआरडी सचिव जे. जयरामकांथन द्वारा जारी आदेश में पीएपी के तहत आने वाले तीन प्रमुख डिवीजनों में 154 डिसिल्टिंग कार्यों को प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस विशेष पहल में नहरों से झाड़-झंखाड़ हटाना, ढीली मिट्टी निकालना और बड़े-छोटे सभी प्रमुख नहरों की गाद सफाई शामिल है।
अधिकारी ने कहा, "हमने कुल 160 कार्यों का प्रस्ताव दिया था, जिनमें से 154 को मंजूरी मिल गई है। हमारा लक्ष्य है कि पोंगल से पहले सभी सफाई कार्य पूरे हो जाएं, क्योंकि त्योहार के दौरान पहले जोन के लिए सिंचाई पानी छोड़ा जाएगा।"
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने 11 अगस्त को तिरुपुर जिले के दौरे पर यह विशेष आवंटन घोषित किया था। इस दौरान सिंचाई संगठन के नेताओं और किसानों ने नहरों की नियमित गाद सफाई की जरूरत बताते हुए आग्रह किया था ताकि पानी का प्रवाह सुचारु रहे और सिंचाई क्षमता बढ़ सके। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने पीएपी के लिए 10 करोड़ रुपए की राशि विशेष रूप से निर्धारित की।
सरकारी आदेश के अनुसार, तिरुमूर्ति डिवीजन में 44 कार्यों पर 2.88 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। परंबिकुलम डिवीजन में 27 कार्यों के लिए 2.15 करोड़ रुपए और अलीयार बेसिन डिवीजन में 83 कार्यों के लिए 4.97 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। यह पूरा कार्यक्रम कोयंबटूर और तिरुपुर जिलों की कुल 1,33,976.62 हेक्टेयर आयाकट भूमि को लाभ पहुंचाएगा।
इस समय तिरुमूर्ति डैम से चौथे जोन के पांचवें चरण की सिंचाई के लिए पानी छोड़ा जा रहा है। नियमों के अनुसार यह जल-प्रवाह 9 दिसंबर तक जारी रहना था, लेकिन हाल ही में ववीपालयम के पास मुख्य नहर में आई टूट-फूट के कारण पानी की आपूर्ति बाधित हो गई।
अधिकारी ने बताया, "जल आपूर्ति में आई इस रुकावट की भरपाई के लिए 9 दिसंबर से पानी छोड़ने की अवधि 10 दिन और बढ़ा दी गई है। जैसे ही यह चक्र पूरा होगा, डिसिल्टिंग कार्य तुरंत शुरू कर दिए जाएंगे।"
पीएपी वेल्लाकॉयल ब्रांच कैनाल वाटर कंजर्वेशन मूवमेंट के अध्यक्ष पी. वेलुसामी ने इस फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि आदर्श रूप से नहरों की सफाई साल में दो बार होनी चाहिए। पिछले चार साल से पीएपी को नियमित डिसिल्टिंग के लिए पर्याप्त धन नहीं मिल रहा था। यह विशेष आवंटन बेहद जरूरी कदम है।
परंबिकुलम-अलियार प्रोजेक्ट पश्चिमी तमिलनाडु के वर्षा-छाया क्षेत्रों की सिंचाई के लिए महत्वपूर्ण इंटर-बेसिन जल परियोजना है। इसमें सात जलाशय, चार हाइड्रोपावर स्टेशन, छह सुरंगें, एक एक बांध और एक विशेष कंटूर कैनाल सिस्टम शामिल है, जिसके जरिए पश्चिम की ओर बहने वाली नदियों का पानी मोड़कर सिंचाई के लिए उपयोग किया जाता है।
--आईएएनएस
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