Aapka Rajasthan

स्टालिन ने शुरू किया ‘माय बूथ, विक्ट्री बूथ’ अभियान का दूसरा चरण, भाजपा नेतृत्व पर साधा निशाना

चेन्नई, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एवं डीएमके अध्यक्ष एम.के. स्टालिन ने बुधवार को पार्टी के जमीनी अभियान “माय बूथ, विक्ट्री बूथ” के दूसरे चरण की शुरुआत की। स्टालिन ने कहा कि तमिलनाडु को राजनीतिक रूप से चुनौती देने की कोशिश कोई भी कर ले, राज्य के हर मतदान केंद्र पर मौजूद डीएमके का मजबूत कैडर ही उसका जवाब देगा।
 
स्टालिन ने शुरू किया ‘माय बूथ, विक्ट्री बूथ’ अभियान का दूसरा चरण, भाजपा नेतृत्व पर साधा निशाना

चेन्नई, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एवं डीएमके अध्यक्ष एम.के. स्टालिन ने बुधवार को पार्टी के जमीनी अभियान “माय बूथ, विक्ट्री बूथ” के दूसरे चरण की शुरुआत की। स्टालिन ने कहा कि तमिलनाडु को राजनीतिक रूप से चुनौती देने की कोशिश कोई भी कर ले, राज्य के हर मतदान केंद्र पर मौजूद डीएमके का मजबूत कैडर ही उसका जवाब देगा।

भाजपा नेतृत्व पर अप्रत्यक्ष निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि डीएमके की “काला-लाल सेना” हर बूथ पर “उचित सबक” सिखाएगी।

2026 के विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही राज्य में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। चुनावी तैयारी के तहत डीएमके ने “माय बूथ, विनिंग बूथ” अभियान शुरू किया था, जिसके पहले चरण में बूथ समितियों को राज्य के 68,463 मतदान केंद्रों पर मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण में सक्रिय भागीदारी का निर्देश दिया गया था।

अभियान के दूसरे चरण का औपचारिक शुभारंभ स्टालिन ने चेन्नई के अल्वरपेट में किया। नए कार्यक्रम के अनुसार डीएमके कार्यकर्ता एक माह तक (10 जनवरी तक) राज्यभर में जनचर्चाएं, नुक्कड़ सभाएं और घर-घर जाकर मतदाता सत्यापन अभियान चलाएंगे।

इस अभियान का लक्ष्य 68,463 मतदान केंद्रों पर तैनात लगभग 6.8 लाख बूथ समिति सदस्यों को सक्रिय कर बूथ स्तर पर मजबूती सुनिश्चित करना है। पार्टी ने प्रति बूथ कम से कम 440 वोट पाने का लक्ष्य तय किया है।

अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर स्टालिन ने कहा कि दिल्ली में कितनी भी राजनीतिक रणनीतियां क्यों न बन जाएं, कोई तमिलनाडु को राजनीतिक रूप से जीत नहीं सकता। गृह मंत्री अमित शाह पर अप्रत्यक्ष टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि “दिल्ली का अहंकार” तमिलनाडु में नहीं चल सकता।

उन्होंने कहा कि तमिलनाडु की राजनीतिक चेतना और द्रविड़ीय परंपरा को न बाहरी दबाव से दबाया जा सकता है और न ही केंद्रीकृत राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं इसे प्रभावित कर पाएंगी। अभियान का दूसरा चरण डीएमके की चुनावी तैयारियों में अहम पड़ाव माना जा रहा है, जो 2026 के चुनाव के लिए बूथ स्तर पर मजबूत पकड़ बनाने पर केंद्रित है।

--आईएएनएस

डीएससी