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पीएमएमएल की बैठक में नेहरू दस्तावेजों की अनुपलब्धता पर निर्णय नहीं, हटाने की अफवाहें गलत : मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत

नई दिल्ली, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मंगलवार को बताया कि प्रधानमंत्री म्यूजियम और लाइब्रेरी (पीएमएमएल) की 2025 की वार्षिक आम बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से जुड़े दस्तावेजों की उपलब्धता को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया।
 
पीएमएमएल की बैठक में नेहरू दस्तावेजों की अनुपलब्धता पर निर्णय नहीं, हटाने की अफवाहें गलत : मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत

नई दिल्ली, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मंगलवार को बताया कि प्रधानमंत्री म्यूजियम और लाइब्रेरी (पीएमएमएल) की 2025 की वार्षिक आम बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से जुड़े दस्तावेजों की उपलब्धता को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया।

उन्होंने यह भी कहा कि पीएमएमएल ने अब तक इन दस्तावेजों का सालाना ऑडिट करने की कोई नीति तैयार नहीं की है।

शेखावत ने यह जानकारी लोकसभा में भाजपा सांसद संबित पात्रा के सवालों के जवाब में दी। उन्होंने कहा कि कुछ दस्तावेजों को गलत तरीके से हटाए जाने या इसे लेकर जिम्मेदार लोगों की पहचान करने के सवालों का जवाब नेगेटिव में है।

वहीं, राष्ट्रीय सांस्कृतिक मैपिंग के बारे में उन्होंने बताया कि देश के कुल 6,38,365 गांवों में से 6,23,449 गांवों की मैपिंग 'मेरा गांव, मेरी धरोहर' (एमजीएमडी) पोर्टल पर हो चुकी है। इस मिशन के तहत स्थानीय धरोहर, लोक कला, परंपराएं, त्योहार, रीति-रिवाज, पहनावा, आभूषण, खानपान और ऐतिहासिक महत्व जैसे तमाम सांस्कृतिक पहलुओं को रिकॉर्ड किया जा रहा है।

शेखावत ने बताया कि एमजीएमडी पोर्टल पर यह डेटा गांव-वार रखा गया है, किसी खास कला या विषयवार नहीं।

उन्होंने कहा कि एमजीएमडी कार्यक्रम से ग्रामीण पहचान मजबूत होती है। इससे हर गांव का अपना सांस्कृतिक प्रोफाइल तैयार होता है, जो स्थानीय परंपराओं और धरोहर को मान्यता देता है। यह डेटा राष्ट्रीय स्तर पर योजना बनाने में मदद करता है, जैसे कि सांस्कृतिक क्लस्टर डेवलपमेंट, हेरिटेज टूरिज्म और पारंपरिक हुनर को बढ़ावा देना।

ओडिशा में 47,209 गांवों का डेटा पोर्टल पर अपलोड किया जा चुका है। भद्रक जिले के 998 गांवों और बालासोर जिले के 2,798 गांवों की जानकारी शामिल है।

उन्होंने कहा कि डेटा गांव-वार रखा गया है, समुदाय-वार नहीं। उदाहरण के लिए, आंध्र प्रदेश की कुछ जनजातीय समुदायों जैसे बागाटा, कोन्डा डोरा, कोन्डु, वाल्मीकि, कोया, कोन्डा कम्मरा, कोन्डा रेड्डी, कोटिया और गडबा को भी गांव-स्तर पर रिकॉर्ड किया गया है।

मंत्री ने स्पष्ट किया कि पीएमएमएल में दस्तावेजों की स्थिति और राष्ट्रीय सांस्कृतिक मैपिंग दोनों ही योजनाओं पर काम जारी है और डेटा व्यवस्थित तरीके से संग्रहित किया जा रहा है।

--आईएएनएस

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