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शाहबाग आंदोलन के नेता ने बांग्लादेश में शांति और 'सोनार बांग्ला' की वापसी की अपील की

कोलकाता, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार लगातार जारी है। वहां भय का माहौल व्याप्त है, और हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की हत्या से दक्षिण एशियाई देश में हिंसा का अंत नहीं हुआ है।
 
शाहबाग आंदोलन के नेता ने बांग्लादेश में शांति और 'सोनार बांग्ला' की वापसी की अपील की

कोलकाता, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार लगातार जारी है। वहां भय का माहौल व्याप्त है, और हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की हत्या से दक्षिण एशियाई देश में हिंसा का अंत नहीं हुआ है।

बांग्लादेश में व्याप्त असहाय परिस्थितियों के बीच, सनातनी संसद ने मंगलवार को कोलकाता प्रेस क्लब में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जिसमें कई ऐसे हिंदुओं के उदाहरण प्रस्तुत किए गए जिन्होंने पड़ोसी देश में अपने जीवन के खतरे के कारण चिकित्सा वीजा या अन्य माध्यमों से भारत में शरण ली थी।

इनमें बांग्लादेश के 2023 के शाहबाग आंदोलन के एक प्रमुख चेहरे बप्पादित्य बसु भी शामिल थे, जिन्होंने 'सोनार बांग्ला' (स्वर्ण बंगाल) की बहाली की मांग की थी।

बासु ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "मैं पिछले 14 महीनों से छिपकर रह रहा हूं। अंसारुल्लाह बांग्ला संगठन ने मुझे जान से मारने की धमकी दी थी। आज बोलने के बाद मुझे नहीं पता कि मैं कल का सूरज देख पाऊंगा या नहीं। मैं मेडिकल वीजा पर इस देश में आया था, लेकिन मैं और मेरे जैसे जो लोग इस समय इस देश और इस राज्य में हैं, वे अपने वतन लौटना चाहते हैं।"

साथ ही, बसु ने अपील की कि चूंकि उनके जैसे हिंदू धार्मिक उत्पीड़न के कारण यहां शरण ले चुके हैं, इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के तहत उन्हें नागरिकता प्रदान करने पर विचार करना चाहिए।

पश्चिम बंगाल के बुद्धिजीवी समुदाय से उनका साथ देने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा, "बांग्लादेश की वर्तमान स्थिति 1971 के मुक्ति युद्ध से भी बदतर है। मौजूदा स्थिति का अंत होना चाहिए और एक बार फिर शांति स्थापित होनी चाहिए। हम एक 'सोनार बांग्ला' चाहते हैं।"

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता शंकुदेव पांडा ने कहा, "भाजपा बांग्लादेश के उत्पीड़ित हिंदुओं के साथ खड़ी है। उन्हें कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए सनातनी संसद के माध्यम से नागरिकता की मांग के लिए आवेदन करना चाहिए।"

प्रेस कॉन्फ्रेंस में संगठन के अध्यक्ष गोबिंदा दास, महासचिव और पत्रकार रक्तिम दास, प्रोफेसर मोहित रॉय, अधिवक्ता जॉयदीप मुखोपाध्याय सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

--आईएएनएस

एएसएच/डीकेपी