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रूस ने कोंडोर-एफकेए रडार सैटेलाइट किया लांच

व्लादिवोस्तोक, 30 नवंबर (आईएएनएस)। रूस ने शनिवार सुबह देश के सुदूर पूर्व की वोस्टोचनी कॉस्मोड्रोम से सोयुज-2.1ए रॉकेट को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया। रॉकेट ने कोंडोर-एफकेए नंबर 2 रडार सैटेलाइट को लक्षित कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया।
 
रूस ने कोंडोर-एफकेए रडार सैटेलाइट किया लांच

व्लादिवोस्तोक, 30 नवंबर (आईएएनएस)। रूस ने शनिवार सुबह देश के सुदूर पूर्व की वोस्टोचनी कॉस्मोड्रोम से सोयुज-2.1ए रॉकेट को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया। रॉकेट ने कोंडोर-एफकेए नंबर 2 रडार सैटेलाइट को लक्षित कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया।

समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, उन्नत रडार प्रौद्योगिकी से लैस, कोंडोर-एफकेए उपग्रहों ने ऑल-वेदर, राउंड-द-क्लॉक अर्थ ऑब्जर्वेशन के लिए देश को सक्षम बना दिया है।

रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रॉस्कॉस्मॉस ने एक बयान में घोषणा की, "दूसरा रडार सैटेलाइट, कोंडोर-एफकेए, ऑर्बिट तक पहुंच गया है! लॉन्च सिस्टम ने योजना के अनुसार काम किया।"

ऑप्टिकल उपग्रहों के विपरीत, कोंडोर-एफकेए श्रृंखला बादलों के पार से भी धरती पर नजर रख सकती है और अंधेरे में काम कर सकती है। अपनी इस खूबी की वजह से ये सेटेलाइट विभिन्न प्रकार के कार्यों के लिए बहुत सक्षम हैं। इन कार्यों में मैपिंग, पर्यावरण निगरानी, ​​प्राकृतिक संसाधन अन्वेषण, और मार्गदर्शक जहाजों को बर्फ से ढंके मार्गों पर गाइड करना शामिल है, जैसे कि उत्तरी ध्रुवीय रातों के दौरान समुद्री मार्ग में।

एनपीओ माशिनोस्ट्रॉयोनिया डिजाइन ब्यूरो द्वारा विकसित कोंडोर श्रृंखला के इन सेटेलाइटों ने अपनी स्थापना के बाद से लगातार प्रगति की है। पहले दो उपग्रहों को 2013 और 2014 में लॉन्च किया गया था, जबकि कोंडोर-एफकेए नंबर 1 ने 2023 में कक्षा में प्रवेश किया था। वर्तमान में दो और उपग्रह निर्माणाधीन हैं, जिसमें तीसरा कोंडोर-एफकेए 2026 में लॉन्च किया जाएगा।

प्रत्येक कोंडोर-एफकेए उपग्रह का वजन लगभग 1,050 किलोग्राम होता है और इसकी लाइफ पांच साल की होती है।

--आईएएनएस

पीएसएम/एकेजे