Aapka Rajasthan

पाकिस्तान: बलूच महिलाओं को अगवा करने के खिलाफ मानवाधिकार संगठन ने शुरू किया ऑनलाइन अभियान

क्वेटा, 22 दिसंबर (आईएएनएस)। बलूच महिलाओं को अगवा करने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। मानवाधिकार संगठन इसे लेकर कई बार आवाज बुलंद कर चुके हैं लेकिन सत्ता उससे बेअसर है। अब इन महिलाओं के पक्ष में एक अभियान चलाने का फैसला बलूच यकजेहती कमेटी (बीवाईसी) ने किया है। सोमवार को घोषणा की कि ये कैंपेन पांच दिन लगातार चलेगा।
 
पाकिस्तान: बलूच महिलाओं को अगवा करने के खिलाफ मानवाधिकार संगठन ने शुरू किया ऑनलाइन अभियान

क्वेटा, 22 दिसंबर (आईएएनएस)। बलूच महिलाओं को अगवा करने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। मानवाधिकार संगठन इसे लेकर कई बार आवाज बुलंद कर चुके हैं लेकिन सत्ता उससे बेअसर है। अब इन महिलाओं के पक्ष में एक अभियान चलाने का फैसला बलूच यकजेहती कमेटी (बीवाईसी) ने किया है। सोमवार को घोषणा की कि ये कैंपेन पांच दिन लगातार चलेगा।

बीवाईसी ने एक्स पर एक बयान जारी किया जिसके अनुसार, यह अभियान जागरूकता बढ़ाने, अनुभवों को डॉक्यूमेंट करने और सामूहिक प्रतिरोध को मजबूत करने के लिए शुरू किया गया है।

एक बयान में, बीवाईसी ने कहा, "बलूच महिलाओं के जबरन गायब होने के खिलाफ 5-दिवसीय अभियान। दशकों से, बलूचिस्तान में जबरन गायब होने की घटनाओं में मुख्य रूप से बलूच पुरुषों को निशाना बनाया गया है। अब, इस अन्याय की जद में बलूच महिलाएं आ गई हैं, जिन्हें पाकिस्तान की कानून प्रवर्तन एजेंसियों और उनके निजी आतंकवादी समूहों (जिन्हें स्थानीय रूप से डेथ स्क्वाड के नाम से जाना जाता है) द्वारा तेजी से जबरन गायब किया जा रहा है।"

इसमें आगे कहा गया, "महिलाओं का जबरन गायब होना न केवल मौलिक मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन है, बल्कि यह बलूच राष्ट्र की गरिमा, अस्तित्व और सामूहिक पहचान पर सीधा हमला है। यह प्रथा दमन के एक व्यापक पैटर्न का हिस्सा है जिसका उद्देश्य बलूच प्रतिरोध को खामोश कराना या खत्म करना है। जागरूकता बढ़ाने, अनुभवों को डॉक्यूमेंट करने और सामूहिक विरोध को मजबूत करने के लिए, बलूच यकजेहती कमेटी (बीवाईसी) बलूच महिलाओं के जबरन गायब होने के खिलाफ 5-दिवसीय अभियान शुरू कर रही है।"

यह अभियान सोमवार को एक ऑनलाइन याचिका के साथ शुरू हुआ, जिसमें सभी गायब बलूच महिलाओं की वापसी, जबरन गायब करने की प्रथा को खत्म करने और पाकिस्तान के जिम्मेदार सुरक्षा संस्थानों की जवाबदेही तय करने की मांग की गई है। दूसरे दिन पीड़ितों के परिवारों, कार्यकर्ताओं और छात्रों के बयान और वीडियो संदेश दिखाए जाएंगे, जिसमें वे अपने निजी अनुभव साझा करेंगे।

24 दिसंबर को, अभियान कला पर केंद्रित होगा, जिसमें प्रतिभागियों को कविता, पत्र, विज़ुअल आर्ट और छोटे परफॉर्मेंस के जरिए इस मुद्दे को उजागर करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। 25 दिसंबर को गायब हुई बलूच महिलाओं को याद करने और परिवारों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

यह अभियान 26 दिसंबर को एक वेबिनार के साथ समाप्त होगा, जिसमें एक्टिविस्ट और गायब हुए लोगों के परिवार शामिल होंगे। बयान के अनुसार, इस सत्र का मकसद महिलाओं के जबरन गायब होने के बढ़ते मामलों पर ध्यान देना, जमीनी हकीकत साझा करना और अंतर्राष्ट्रीय एकजुटता को प्रदर्शित करना है।

शनिवार को, एक प्रमुख मानवाधिकार संगठन ने पाकिस्तानी सेना द्वारा दो और बलूच महिलाओं के जबरन गायब होने का खुलासा किया। बलूच वॉयस फॉर जस्टिस (बीवीजे) के अनुसार, हनी दिलवाश और हीर नीसा वहीद को शुक्रवार रात बलूचिस्तान के हब चौकी से हिरासत में लिया गया और फिर गायब कर दिया गया।

मानवाधिकार संगठन ने कहा, "सुरक्षा एजेंसियां ​​बिना किसी डर के काम करती रहती हैं, जबकि परिवार लगातार सदमे में हैं। जबरन गायब करना बलूचिस्तान में दमन का एक व्यवस्थित हथियार बना हुआ है और इसे खत्म होना चाहिए।"

--आईएएनएस

केआर/