ईरान और पाकिस्तान से एक दिन में 5,700 से ज्यादा अफगान शरणार्थियों को भेजा गया वापस
काबुल, 19 दिसंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान और ईरान से अफगानिस्तान शरणार्थियों को जबरन निकाले जाने का सिलसिला अब तक थमा नहीं है। तालिबान के एक बड़े अधिकारी ने शुक्रवार को जानकारी दी कि एक ही दिन में 5,700 से ज्यादा अफगान शरणार्थियों को पाकिस्तान और ईरान से जबरदस्ती वापस भेज दिया गया।
तालिबान के डिप्टी प्रवक्ता मुल्ला हमदुल्ला फितरत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर प्रवासियों के मुद्दों को सुलझाने के लिए हाई कमीशन की रिपोर्ट साझा की।
अफगान न्यूज पझवोक के अनुसार, गुरुवार को 1,084 परिवार अफगानिस्तान लौट आए। 1,084 परिवारों में 5,780 लोग शामिल थे।
हमदुल्ला फितरत ने कहा कि लोग हेरात में इस्लाम कला क्रॉसिंग, हेलमंद में बहरामचा, नंगरहार में तोरखम क्रॉसिंग, निमरोज में पुल-ए-अब्रेशम और कंधार में स्पिन बोल्डक के जरिए वापस लौटे। 1,178 परिवार, जिनमें 6,561 लोग शामिल थे, को उनके अपने इलाकों में ले जाया गया, जबकि 974 परिवारों को मानवीय मदद दी गई। इसके अलावा, टेलीकम्युनिकेशन कंपनियों ने हाल ही में अफगानिस्तान लौटे रिफ्यूजी को 1,019 सिम कार्ड दिए।
फितरत ने कहा कि गुरुवार को ईरान और पाकिस्तान से 4,591 अफगान शरणार्थियों को जबरदस्ती निकाला गया।
नवंबर की शुरुआत में, यूनाइटेड नेशंस हाई कमिश्नर फॉर रिफ्यूजी (यूएनएचआरसी) ने बताया कि पाकिस्तान ने 2025 में रिकॉर्ड संख्या में अफगानी प्रवासियों को हिरासत में लिया है, जिसमें सबसे ज्यादा गिरफ्तारियां बलूचिस्तान और पंजाब प्रांतों में हुई हैं।
अफगानिस्तानी न्यूज एजेंसी खामा प्रेस ने बताया कि यूएनएचआरसी की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, ज्यादातर गिरफ्तारियां बलूचिस्तान के चगाई और क्वेटा जिलों और पंजाब के अटक जिलों में हुईं।
एजेंसी के मुताबिक, पाकिस्तानी अधिकारियों ने 1 जनवरी से नवंबर 2025 के बीच 1,00,971 अफगानों को गिरफ्तार किया। इससे पहले 2024 में लगभग 9,000 और 2023 में 26,000 से ज्यादा गिरफ्तारियां हुई थीं।
यूएनएचआरसी ने कहा कि हिरासत में लिए गए लोगों में से 76 फीसदी अफगान की नागरिकता वाले या बिना दस्तावेज वाले प्रवासी थे, जबकि बाकी 24 फीसदी के पास प्रूफ ऑफ रजिस्ट्रेशन कार्ड थे।
अफगान प्रवासियों को हिरासत में रखने में बढ़ोतरी 2025 में दो सरकारी ऑर्डर के बाद हुई है। पाकिस्तानी सरकार ने इस्लामाबाद और रावलपिंडी से अफगान प्रवासियों को हटाने का निर्देश दिया था, और पुलिस को पीओआर-कार्ड होल्डर्स को गिरफ्तार करने की इजाजत दी गई थी।
कई मानवीय संगठनों ने पाकिस्तान से यह सुनिश्चित करने की अपील की है कि कोई भी वापसी अपनी मर्जी से और अंतर्राष्ट्रीय जिम्मेदारियों के हिसाब से हो। उन्होंने चेतावनी दी कि बड़े पैमाने पर निकाले जाने से अफगानिस्तान की सीमा पर अस्थिरता पैदा होती है। लौटे परिवारों के पास अक्सर रहने की जगह, नौकरी और बुनियादी सुविधाओं की कमी होती है।
--आईएएनएस
केके/एबीएम
