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सीएम ममता बनर्जी ने बांग्लादेश की सीमा से लगे कूचबिहार में पुलिस को अधिक सक्रिय रहने के दिए निर्देश

कोलकाता, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का नाम लिए बिना उसे परोक्ष रूप से चेतावनी दी कि वह बांग्लादेश के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा वाले कूच बिहार जैसे जिलों में सुरक्षा बलों के अधिकार क्षेत्र से बाहर अति सक्रियता से बचें। उन्होंने पुलिस विभाग को राज्य के सीमावर्ती जिलों में अधिक सक्रिय रहने का भी निर्देश दिया।
 
सीएम ममता बनर्जी ने बांग्लादेश की सीमा से लगे कूचबिहार में पुलिस को अधिक सक्रिय रहने के दिए निर्देश

कोलकाता, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का नाम लिए बिना उसे परोक्ष रूप से चेतावनी दी कि वह बांग्लादेश के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा वाले कूच बिहार जैसे जिलों में सुरक्षा बलों के अधिकार क्षेत्र से बाहर अति सक्रियता से बचें। उन्होंने पुलिस विभाग को राज्य के सीमावर्ती जिलों में अधिक सक्रिय रहने का भी निर्देश दिया।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कूचबिहार शहर में एक प्रशासनिक समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि कूचबिहार बांग्लादेश की सीमा से लगा जिला है। पुलिस प्रशासन को वहां कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अधिक सतर्क रहना होगा। इस मामले में किसी का भी अनावश्यक हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

उन्होंने कूचबिहार जिला पुलिस को निर्देश दिया कि वे असम के न्यायाधिकरणों द्वारा कोच-राजबंशी समुदाय के लोगों को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) नोटिस दिए जाने के प्रति सावधान रहें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि असम सरकार को पश्चिम बंगाल के नागरिकों पर इस तरह के नोटिस चिपकाने का कोई अधिकार नहीं है। कूचबिहार जिला पुलिस को सतर्क रहना चाहिए ताकि जब दूसरे राज्यों से पुलिस बल यहां आएं और हमारे नागरिकों को गिरफ्तार करें, तो वे राज्य पुलिस को पहले से सूचित करें। हम अपराधियों को पनाह नहीं देंगे। लेकिन साथ ही, हम आम और निर्दोष लोगों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार नहीं होने देंगे।

इस अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय पोर्टल पर राज्य में वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण के संबंध में जानबूझकर राज्य विरोधी प्रचार किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नया वक्फ अधिनियम हमने नहीं, बल्कि केंद्र सरकार ने लागू किया है। हमने इसके खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया है। हम उस अधिनियम के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय भी गए हैं। मामला अभी चल रहा है।

--आईएएनएस

एएसएच/डीकेपी