मैं ओमान में 'मिनी इंडिया' देख रहा हूं, हम एक परिवार की तरह इकट्ठा हुए : पीएम मोदी
मस्कट, 18 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने विदेश दौरे के अंतिम पड़ाव पर ओमान में भारतीय समुदाय को संबोधित किया। इस दौरान ओमान कन्वेंशन सेंटर में ‘मैत्री पर्व’ प्रोग्राम का आयोजन किया गया।
पीएम मोदी को सुनने के लिए ओमान में अलग-अलग भारतीय स्कूलों के 700 से ज्यादा छात्र शामिल हुए। यह साल ओमान में भारतीय स्कूलों के लिए खास महत्व रखता है।
दरअसल, ओमान में भारतीय स्कूल अपनी स्थापना के 50 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए उनका धन्यवाद किया। उन्होंने 'भारत माता की जय', 'वंदे मातरम', और 'मोदी, मोदी' के नारों के बीच अपना भाषण शुरू किया।
पीएम मोदी ने बताया कि दीपावली को यूनेस्को ने अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की लिस्ट में शामिल किया है। 'मैत्री पर्व' भारत और ओमान की दोस्ती, साझा इतिहास और अच्छे भविष्य का जश्न मनाता है। उन्होंने प्रवासी भारतीयों को साथ रहने और सहयोग का जीता-जागता उदाहरण बताया।
उन्होंने कहा, "मैं अपने सामने मिनी इंडिया देख रहा हूं। आज, हम यहां एक परिवार की तरह इकट्ठा हुए हैं। आज, हम अपने देश, अपनी टीम इंडिया का जश्न मना रहे हैं। भारत में बहुत अलग-अलग तरह के लोग हैं, और हमारी संस्कृति इसकी ताकत में गहराई से जुड़ी हुई है। हर दिन एक नया रंग, हर मौसम एक नया जश्न, हर परंपरा एक नई सोच लेकर आती है और इसीलिए हम भारतीय चाहे कहीं भी जाएं या रहें, हम हमेशा अलग-अलग तरह की चीजों का सम्मान करते हैं।"
प्रधानमंत्री ने कहा, "हम अपने नए माहौल की संस्कृति और रीति-रिवाजों को आसानी से अपना लेते हैं। यहां ओमान में, मैं यह अपने सामने होते हुए देख रहा हूं। प्रवासी भारतीय मिलकर रहने और सहयोग करने का जीता-जागता उदाहरण हैं। हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को हाल ही में सम्मान मिला क्योंकि यूनेस्को ने दीपावली को अमूर्त सांस्कृतिक विरासत में शामिल किया। अब, दीपावली का 'दीया' सिर्फ हमारे घर को ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को रोशन करेगा। यह दुनियाभर में भारतीयों के लिए गर्व की बात है। दीपावली की यह वैश्विक पहचान हमारी उस रोशनी की पहचान है, जो उम्मीद, मेल-जोल और इंसानियत का संदेश फैलाती है।"
मैत्री पर्व को लेकर पीएम मोदी ने कहा, "आज, हम सब भारत-ओमान मैत्री पर्व मना रहे हैं। मैत्री का मतलब है, एम- समुद्री विरासत, ए- आकांक्षाएं, आई- इनोवेशन, टी- ट्रस्ट और टेक्नोलॉजी, आर- रिस्पेस्ट, आई- इंक्लूसिव ग्रोथ, जिसका मतलब है कि यह मैत्री पर्व हमारे दोनों देशों के बीच दोस्ती, हमारे साझा इतिहास और एक समृद्ध भविष्य का जश्न मनाता है।"
उन्होंने कहा, "भारत और ओमान के बीच हमेशा गहरे और जीवंत रिश्ते रहे हैं। हिंद महासागर की मानसूनी हवाओं ने दोनों देशों के बीच व्यापार को दिशा दी है। हमारे पूर्वज लोथल, मांडवी और ताम्रलिप्ति जैसे बंदरगाहों से लकड़ी की नावें लेकर मस्कट, सुर और सलालाह पहुंचते थे। मुझे खुशी है कि मांडवी से मस्कट तक के इन ऐतिहासिक रिश्तों को हमारी एम्बेसी ने एक किताब में इकट्ठा किया है। मैं चाहूंगा कि आप सभी यह किताब हर व्यक्ति, हर युवा को दें, किताब पढ़ें और अपने ओमानी दोस्तों को भी गिफ्ट करें।"
पीएम मोदी ने कहा कि ओमान में भारतीय स्कूलों की सफलता पूर्व दिवंगत सुल्तान काबूस बिन सईद के समर्थन के बिना मुमकिन नहीं होती। उन्होंने ओमान में रहने वाले भारतीयों की मदद करने और उनकी रक्षा करने के लिए सुल्तान हैथम बिन तारिक को भी धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा, "भारत और ओमान के बीच रिश्ता, जो व्यापार से शुरू हुआ था, अब शिक्षा के जरिए मजबूत हो रहा है। मुझे बताया गया है कि यहां भारतीय स्कूलों में लगभग 46,000 छात्र पढ़ रहे हैं, जिनमें दूसरे समुदायों के हजारों स्टूडेंट भी शामिल हैं। इस साल ओमान में भारतीय शिक्षा प्रणाली के 50 साल पूरे हो रहे हैं। यह भारत-ओमान रिश्तों के लिए एक मील का पत्थर है।"
पीएम मोदी ने कहा कि यहां भारतीय स्कूलों की सफलता दिवंगत सुल्तान कबूस की कोशिशों के बिना मुमकिन नहीं होती। उन्होंने भारतीय स्कूलों के लिए जमीन और जरूरी मदद दी थी। इस परंपरा को सुल्तान हैथम ने आगे बढ़ाया है। मैं खास तौर पर उन्हें धन्यवाद देता हूं कि वे ओमान में भारतीयों की मदद और सुरक्षा कर रहे हैं।
--आईएएनएस
केके/एबीएम
