हैदराबाद: विवादों के बीच एसपी बालासुब्रह्मण्यम की 7.2 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा का अनावरण
हैदराबाद, 15 दिसंबर (आईएएनएस)। दिग्गज गायक एसपी बालासुब्रह्मण्यम (एसपीबी) की कांस्य प्रतिमा का सोमवार को रवींद्र भारती के प्रांगण में अनावरण किया गया। इस कार्यक्रम में पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, केंद्रीय मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे। हालांकि, तेलंगाना राज्य आंदोलन के कुछ कार्यकर्ताओं के विरोध के बावजूद सरकार ने अनावरण को आगे बढ़ाया।
तेलंगाना राज्य आंदोलन के कुछ कार्यकर्तओं के विरोध को नजरअंदाज करते हुए, अधिकारियों ने एसपीबी की मूर्ति का अनावरण किया।
पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू, तेलंगाना के सूचना प्रौद्योगिकी और उद्योग मंत्री दुडिल्ला श्रीधर बाबू, पूर्व हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, बीजेपी की तेलंगाना इकाई के अध्यक्ष रामचंद्र राव, गायिका एस.पी. शैलजा और एसपीबी के परिजन इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
तेलंगाना क्रांति दल के अध्यक्ष संगम रेड्डी पृथ्वीराज और लेखक-कार्यकर्ता पशम यादगिरी समेत कुछ आंदोलनकारियों ने प्रतिमा स्थापना का विरोध किया। उनका तर्क था कि एसपीबी आंध्र प्रदेश (नेल्लोर) के मूल निवासी थे और तेलंगाना में जन्मे सांस्कृतिक आइकॉनों (जैसे गद्दर या अंदे श्री) को यह सम्मान पहले मिलना चाहिए।
2004 में एसपीबी ने कथित तौर पर तेलंगाना राज्य गान गाने से इनकार कर दिया था (हालांकि, इसकी कोई ठोस पुष्टि नहीं है)।
दिसंबर की शुरुआत में पृथ्वीराज ने इसे लेकर एसपीबी के बहनोई शुभलेका सुधाकर से रवींद्र भारती में ही गर्मागर्म बहस की थी।
एसपीबी की 7.2 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले में खास तौर पर तैयार की गई थी।
इस विशेष कार्यक्रम में तेलंगाना के मंत्री श्रीधर बाबू ने कहा कि एसपीबी ने भारतीय फिल्म संगीत के इतिहास पर एक अमिट और स्थायी छाप छोड़ी है।
उन्होंने एसपीबी को एक ऐसे कलाकार के रूप में याद किया जिन्होंने भाषाई और सांस्कृतिक सीमाओं को पार किया।
तेलंगाना सरकार ने जून 2025 में ही प्रतिमा स्थापना को मंजूरी दी थी, क्योंकि यह एसपीबी की अंतिम इच्छा थी। संगीत संस्कृति संघ और एसपीबी परिवार के अनुसार, गायक का हैदराबाद और तेलुगु संगीत से गहरा जुड़ाव था—उन्होंने 40,000 से ज्यादा गाने गाए, जिनमें हजारों तेलुगु फिल्मों के गाने शामिल हैं।
एसपी बालासुब्रह्मण्यम (1946-2020) भारतीय संगीत के गान गंधर्व थे, जिन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। यह प्रतिमा उनके योगदान को स्थायी श्रद्धांजलि है, भले ही क्षेत्रीय भावनाएं इससे जुड़ी हों। कार्यक्रम के बाद संगीत श्रद्धांजलि सत्र भी आयोजित किया गया।
--आईएएनएस
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