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भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग हुए और मजबूत, नौसेना के लिए दो अतिरिक्त एमक्यू-9 ड्रोन लेने को मिली मंजूरी

नई दिल्ली, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत ने भारतीय नौसेना के लिए दो अतिरिक्त एमक्यू-9 मानवरहित ड्रोन लीज पर लेने की मंजूरी दे दी है। यह फैसला रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद ने किया। इसे भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग की वजह से अहम कदम माना जा रहा है।
 
भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग हुए और मजबूत, नौसेना के लिए दो अतिरिक्त एमक्यू-9 ड्रोन लेने को मिली मंजूरी

नई दिल्ली, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत ने भारतीय नौसेना के लिए दो अतिरिक्त एमक्यू-9 मानवरहित ड्रोन लीज पर लेने की मंजूरी दे दी है। यह फैसला रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद ने किया। इसे भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग की वजह से अहम कदम माना जा रहा है।

एमक्यू-9 ड्रोन अमेरिका की जनरल एटॉमिक्स कंपनी द्वारा बनाए जाते हैं और इन्हें दुनिया के सबसे सक्षम हाई-एल्टीट्यूड, लॉन्ग-एंड्योरेंस ड्रोन सिस्टम्स में गिना जाता है। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि ये ड्रोन लंबे समय तक उड़ान भरने, दूर तक निगरानी करने और रियल टाइम खुफिया जानकारी देने में बेहद कारगर हैं।

भारत ने पहली बार वर्ष 2020 में दो एमक्यू-9 ड्रोन लीज पर लिए थे। बीते पांच वर्षों में इन ड्रोन ने भारतीय नौसेना और सुरक्षा एजेंसियों को समुद्री इलाकों और सीमावर्ती क्षेत्रों में निगरानी के लिए बड़ी बढ़त दी है। अब दो और ड्रोन शामिल होने से हिंद महासागर क्षेत्र और संवेदनशील समुद्री मार्गों में भारत की मैरीटाइम डोमेन अवेयरनेस ज्यादा मजबूत होने की उम्मीद है।

यह फैसला ऐसे समय आया है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस साल भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी में रक्षा सहयोग को एक प्रमुख स्तंभ बताया है। दोनों देशों के बीच रक्षा संबंध लगातार गहरे हो रहे हैं और उन्नत तकनीकों तथा आपसी अंतरसंक्रियता पर खास जोर दिया जा रहा है।

इस पूरे रक्षा सहयोग को आगे बढ़ाने में अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के जाने-माने एयरोस्पेस वैज्ञानिक विवेक लाल की भूमिका भी अहम मानी जा रही है। जनरल एटॉमिक्स ग्लोबल कॉरपोरेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विवेक लाल पिछले दो दशकों से भारत और अमेरिका के बीच रक्षा व्यापार और औद्योगिक सहयोग को बढ़ावा देने में सक्रिय रहे हैं। उनके प्रयासों से भारत को महत्वपूर्ण अमेरिकी रक्षा तकनीक तक पहुंच मिली है और दोनों देशों के बीच भरोसा भी मजबूत हुआ है।

लॉकहीड मार्टिन में वरिष्ठ अधिकारी रहते हुए विवेक लाल ने भारतीय नौसेना के लिए 24 एमएच-60आर पनडुब्बी रोधी हेलीकॉप्टरों के सौदे को अंतिम रूप देने में भी अहम भूमिका निभाई थी। यह सौदा राष्ट्रपति ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान भारत यात्रा में एक प्रमुख रक्षा समझौते के रूप में सामने आया था।

विवेक लाल की भूमिका कई अन्य बड़े रक्षा सौदों में भी रही है, जिनमें 31 एमक्यू-9बी ड्रोन की प्रस्तावित खरीद (नौसेना, वायुसेना और थलसेना के लिए), बोइंग पी-8आई समुद्री गश्ती विमान, 22 हार्पून एंटी-शिप मिसाइलें, एएच-64ई अपाचे और सीएच-47 चिनूक हेलीकॉप्टर, तथा 10 सी-17 ग्लोबमास्टर परिवहन विमान शामिल हैं।

अधिकारियों के अनुसार, इन रक्षा सहयोगों से भारत की 100 से अधिक बड़ी और छोटी कंपनियां वैश्विक रक्षा आपूर्ति शृंखला से जुड़ी हैं, जिससे घरेलू रक्षा औद्योगिक क्षमता को भी मजबूती मिली है। एमक्यू-9 ड्रोन की बढ़ती तैनाती इस बात का संकेत है कि भारत अपनी जमीनी और समुद्री सीमाओं की सुरक्षा के लिए उन्नत मानवरहित प्रणालियों पर भरोसा बढ़ा रहा है।

--आईएएनएस

वीकेयू/वीसी