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सरकार की 'आपकी पूंजी, आपका अधिकार' पहल का असर, लोगों को मिले 2,000 करोड़ रुपए के भूले हुए रुपए

नई दिल्ली, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। सरकार ने एक बड़ी पहल के जरिए लोगों के करीब 2,000 करोड़ रुपए वापस दिलाए हैं, जो अलग-अलग जगहों पर लावारिस (अनक्लेम्ड) बचत के रूप में पड़े थे। इनमें बैंक जमा, बीमा, म्यूचुअल फंड, शेयरों से मिलने वाला डिविडेंड और रिटायरमेंट से जुड़े पैसे शामिल हैं।
 
सरकार की 'आपकी पूंजी, आपका अधिकार' पहल का असर, लोगों को मिले 2,000 करोड़ रुपए के भूले हुए रुपए

नई दिल्ली, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। सरकार ने एक बड़ी पहल के जरिए लोगों के करीब 2,000 करोड़ रुपए वापस दिलाए हैं, जो अलग-अलग जगहों पर लावारिस (अनक्लेम्ड) बचत के रूप में पड़े थे। इनमें बैंक जमा, बीमा, म्यूचुअल फंड, शेयरों से मिलने वाला डिविडेंड और रिटायरमेंट से जुड़े पैसे शामिल हैं।

यह रकम केंद्र सरकार की राष्ट्रव्यापी जागरूकता और सुविधा पहल 'आपकी पूंजी, आपका अधिकार' नाम के देशभर में चलाए गए अभियान से लौटाई गई है। यह अभियान अक्टूबर 2025 में शुरू किया गया था, ताकि लोग अपने भूले हुए या अटके हुए पैसे पहचान सकें और उन्हें वापस पा सकें। इस अभियान को वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग ने चलाया।

भारत में पीढ़ियों से लोग अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए बचत करते आए हैं। वे बैंक में खाते खोलकर, बीमा पॉलिसियां खरीदकर, म्यूचुअल फंड में निवेश करके, शेयरों से डिविडेंड पाकर और रिटायरमेंट के लिए पैसे जमा करके सेविंग करते हैं।

लेकिन, समय के साथ कई बार लोग इन पैसों के बारे में भूल जाते हैं। इसका कारण पता बदल जाना, पुराने रिकॉर्ड, जरूरी कागजों की कमी या परिवार के लोगों को जानकारी न होना हो सकता है।

ये पैसे कहीं खोते नहीं हैं और न ही इनका गलत इस्तेमाल होता है। ये सभी सरकारी नियमों के तहत सुरक्षित वित्तीय संस्थाओं में ही रहते हैं, लेकिन सही व्यक्ति तक नहीं पहुंच पाते।

यहां तक कि कई बार लोगों को यह भी पता नहीं होता कि उनके नाम पर कहीं पैसा जमा है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, देश के बैंकों में लगभग 78,000 करोड़ रुपए अनक्लेम्ड जमा के रूप में पड़े हैं। बीमा कंपनियों के पास करीब 14,000 करोड़ रुपए, म्यूचुअल फंड में करीब 3,000 करोड़ रुपए और शेयरों के डिविडेंड के रूप में लगभग 9,000 करोड़ रुपए बिना दावे के पड़े हैं। इससे पता चलता है कि लोगों की बड़ी रकम अब भी इस्तेमाल में नहीं आ रही है।

सरकार का यह अभियान लोगों को उनके इन भूले हुए पैसों से दोबारा जोड़ने का काम कर रहा है, ताकि उनका पैसा सही समय पर सही व्यक्ति तक पहुंच सके।

अनक्लेम्ड पैसा तब बनता है जब कोई व्यक्ति या उसके कानूनी वारिस लंबे समय तक अपने बैंक खाते, बीमा, निवेश या पेंशन से जुड़ा पैसा नहीं लेते। आमतौर पर ऐसा रोजमर्रा की जिंदगी में जगह बदलने, संपर्क जानकारी बदलने या जानकारी की कमी के कारण होता है।

सरकार इस काम के लिए आरबीआई, आईआरडीएआई, सेबी, आईईपीएफए और पीएफआरडीए जैसी संस्थाओं के साथ मिलकर काम कर रही है, ताकि लोग आसान और साफ प्रक्रिया के जरिए अपने पैसे पहचान सकें और वापस पा सकें।

--आईएएनएस

डीबीपी/एबीएम