स्थानीय निकाय चुनावों में दिखाए विश्वास के लिए अरुणाचल प्रदेश के लोगों का आभारी हूं : मुख्यमंत्री खांडू
इटानगर, 21 दिसंबर (आईएएनएस)। अरुणाचल प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनावों में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भारी जीत दर्ज की और जिला परिषदों और ग्राम पंचायतों में बहुमत हासिल किया है। प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनाव के लिए 15 दिसंबर को वोट डाले गए थे।
इटानगर नगर निगम (आईएमसी) चुनावों में भी भाजपा ने 20 में से 14 वार्ड जीतकर निर्णायक जीत हासिल की। हालांकि, क्षेत्रीय पार्टी पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल (पीपीए) ने पासीघाट नगर परिषद (पीएमसी) में आठ में से पांच वार्ड जीतकर जीत दर्ज की, जबकि भाजपा ने दो और एक निर्दलीय उम्मीदवार ने सीट जीती। विपक्षी कांग्रेस दोनों चुनावों में एक भी सीट जीतने में असफल रही।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा के शानदार प्रदर्शन की सराहना की।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि अरुणाचल प्रदेश के लोग सुशासन की राजनीति के प्रति अटूट समर्थन दिखाते हैं। मैं भाजपा के प्रति दिखाए गए स्नेह के लिए अरुणाचल प्रदेश के लोगों का आभार व्यक्त करता हूं।
उन्होंने कहा कि इससे राज्य के परिवर्तन के लिए काम करते रहने का हमारा संकल्प और मजबूत होता है। मैं भाजपा कार्यकर्ताओं की जनता के बीच अथक परिश्रम के लिए सराहना करता हूं।
मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने पार्टी की शानदार जीत के लिए मतदाताओं का आभार व्यक्त किया।
खांडू ने एक बयान में कहा कि मैं भाजपा में अटूट समर्थन और विश्वास के लिए अरुणाचल प्रदेश की जनता का आभारी हूं। इस ऐतिहासिक जीत को संभव बनाने वाले हमारे समर्पित पार्टी कार्यकर्ताओं के अथक प्रयासों और प्रतिबद्धता के लिए मैं उन्हें दिल से धन्यवाद देता हूं।
खांडू ने बताया कि उन्होंने इटानगर स्थित भाजपा कार्यालय में राज्य पार्टी अध्यक्ष कालिंग मोयोंग, इटानगर विधायक तेची कासो और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ विजय समारोह में भाग लिया, जहां इटानगर-नाहरलागुन से नव निर्वाचित पार्षदों और जिला परिषद सदस्यों को सम्मानित किया गया।
रविवार देर शाम एसईसी द्वारा घोषित अंतिम परिणामों के अनुसार भाजपा ने 245 जिला परिषद सीटों में से 170 सीटें जीतीं, जिनमें 59 निर्विरोध सीटें शामिल हैं। इसके साथ ही भाजपा ने जिला स्तरीय स्थानीय निकायों में अपना स्पष्ट वर्चस्व स्थापित कर लिया है। पीपीए 28 सीटों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, जबकि कांग्रेस को सात सीटें मिलीं।
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