भाजपा के साथ गठबंधन स्वाभाविक, असम में यह बरकरार रहेगा : एजीपी प्रमुख
गुवाहाटी, 31 दिसंबर (आईएएनएस)। असम विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही, असम गण परिषद (एजीपी) के अध्यक्ष और राज्य मंत्री अतुल बोरा ने बुधवार को कहा कि आने वाले महीने राज्य में क्षेत्रीय राजनीतिक ताकतों को मजबूत करने के लिए निर्णायक होंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा के साथ पार्टी का गठबंधन एक "स्वाभाविक तालमेल" है और भविष्य में भी यह बरकरार रहेगा।
पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए बोरा ने कहा कि एजीपी अपनी संगठनात्मक गतिविधियों को तेज करने और आत्मनिर्भर असम के अपने विजन को बढ़ावा देने की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि पार्टी पूरे राज्य में जमीनी स्तर पर सशक्तिकरण को मजबूत करने के लिए संस्था-निर्माण और घरेलू स्तर पर आय सृजन पर केंद्रित कार्यक्रमों की एक श्रृंखला शुरू करेगी।
बोरा ने इस बात पर जोर दिया कि एजीपी महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों से पहले अपनी संगठनात्मक उपस्थिति और राजनीतिक प्रासंगिकता का विस्तार करने के लिए अधिकतम प्रयास करेगी।
एक मजबूत राजनीतिक रुख अपनाते हुए, एजीपी प्रमुख ने कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए को पार्टी का मुख्य राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी बताया। असम आंदोलन को याद करते हुए, उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में थी, तब आंदोलन के दौरान 855 लोगों की जान चली गई थी। बोरा ने कहा, "इसी कारण से, यूपीए हमारा मुख्य दुश्मन बना हुआ है," और दोहराया कि एजीपी भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के साथ मजबूती से खड़ी है।
उन्होंने कहा कि एजीपी 2020 से एनडीए का एक अभिन्न अंग रही है और लगातार इसके साथ गठबंधन में चुनाव लड़ती रही है। बोरा ने याद दिलाया कि एजीपी और भाजपा ने मिलकर 2016 के विधानसभा चुनाव लड़े थे, जिसके परिणामस्वरूप एनडीए ने असम में सरकार बनाई थी, और एक बार फिर 2021 के चुनाव एक साथ लड़े।
परिसीमन के मुद्दे पर, बोरा ने कहा कि यह प्रक्रिया अब पूरी हो गई है, जबकि विधानसभा सीटों की कुल संख्या 126 ही रखी गई है। उन्होंने बताया कि बड़े पैमाने पर घुसपैठ के कारण असम में महत्वपूर्ण जनसांख्यिकीय परिवर्तन हुए हैं और कहा कि परिसीमन लंबे समय से एजीपी की मुख्य मांग रही है। उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार ने परिसीमन किया है, और राजनीतिक रूप से यह हमारे पक्ष में रहा है।"
--आईएएनएस
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