एडीबी ने बांग्लादेश की विकास दर को घटाकर 4.7 प्रतिशत किया, कमजोर निर्यात और निवेश बनी वजह
नई दिल्ली, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने इस साल दूसरी बार बांग्लादेश की आर्थिक विकास दर का अनुमान कम कर दिया है। बैंक ने कहा है कि देश में निवेश की रफ्तार धीमी है और निर्यात भी नहीं बढ़ रहा है। इसकी एक बड़ी वजह में से एक राष्ट्रीय चुनावों से पहले की अनिश्चितता है। यह जानकारी बांग्लादेश के अखबार द डेली स्टार की एक रिपोर्ट में दी गई है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक, एडीबी ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष 2025-26 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) विकास दर 4.7 प्रतिशत तक पहुंच सकती है, जो सितंबर में किए गए 5 प्रतिशत के पूर्वानुमान और अप्रैल में किए गए 5.1 प्रतिशत के अनुमान से कम है।
निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2025–26 के जुलाई से नवंबर के बीच बांग्लादेश का निर्यात केवल 0.62 प्रतिशत बढ़ा। जबकि पिछले साल इसी समय में निर्यात 11.76 प्रतिशत बढ़ा था, जो इससे कहीं बेहतर था।
बांग्लादेश स्थित मीडिया हाउस की रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर में चट्टोग्राम बंदरगाह पर हुई बड़ी हड़ताल हुई थी। यह बंदरगाह बांग्लादेश के 90 प्रतिशत से ज्यादा व्यापार को संभालता है। इस हड़ताल और दुनिया में कम मांग की वजह से निर्यात और ज्यादा धीमा हो गया।
निजी कंपनियों को मिलने वाले कर्ज की बढ़त भी कमजोर रही है। अक्टूबर में यह बढ़कर सिर्फ 6.23 प्रतिशत रही, जो पिछले दो दशकों में सबसे कम मानी जा रही है, जिसका कारण ऊंची ब्याज दरें, राजनीतिक अस्थिरता और कम उपभोक्ता मांग है।
बांग्लादेश सरकार ने वित्त वर्ष 2026 के लिए निर्यात वृद्धि लक्ष्य तो 10 प्रतिशत से घटाकर 9 प्रतिशत कर दिया है। साथ ही जीडीपी वृद्धि लक्ष्य को भी 50 बीपीएस घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया है।
अक्टूबर में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने बांग्लादेश के लिए 4.9 प्रतिशत विकास दर का अनुमान लगाया था, जबकि वर्ल्ड बैंक ने 4.8 प्रतिशत विकास दर का अनुमान लगाया। वहीं एडीबी की रिपोर्ट ने कहा कि इस साल भारत की विकास दर बढ़ सकती है, जबकि पाकिस्तान और श्रीलंका की स्थिति 2025 और 2026 में बेहतर हो सकती है।
इस महीने की शुरुआत में आई एक रिपोर्ट में कहा गया कि मोहम्मद यूनुस की सरकार की नीतिगत गलतियों के कारण बांग्लादेश को दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को बनाए रखने में गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि जुलाई में हुए राजनीतिक बदलाव के बाद बांग्लादेश ने पहले चीन के साथ अपने रिश्ते मजबूत किए। लेकिन अमेरिका के साथ व्यापार समझौते होने के बाद चीन ने बांग्लादेश के साथ व्यापार को लेकर सतर्कता बरती है।
--आईएएनएस
दुर्गेश बहादुर/एबीएस
