हरियाणा पुलिस 2026 में अपराध नियंत्रण के लिए क्या-क्या करेगी, मधुबन में शीर्ष अधिकारी करेंगे मंथन
चंडीगढ़, 27 दिसंबर (आईएएनएस)। हरियाणा पुलिस वर्ष 2026 की अपराध-नियंत्रण रणनीति, नीतिगत प्राथमिकताओं और संचार दृष्टिकोण को अंतिम रूप देने के उद्देश्य से 28 दिसंबर को सुबह 11 से दोपहर 1 बजे तक हरियाणा पुलिस अकादमी (एचपीए) मधुबन में एक उच्चस्तरीय मंथन बैठक आयोजित करने जा रही है। इस बैठक की अध्यक्षता डीजीपी ओपी सिंह करेंगे। बैठक में एडीजीपी, आईजी, पुलिस आयुक्त, रेंज डीआईजी तथा सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक भाग लेंगे।
इस मंथन सत्र में वर्ष 2025 के दौरान प्राप्त अनुभवों, चुनौतियों और उपलब्धियों की व्यापक समीक्षा करते हुए 2026 के लिए अपराध नियंत्रण, खुफिया तंत्र और जन-संपर्क रणनीति का रोडमैप तैयार किया जाएगा। उभरती आपराधिक प्रवृत्तियों, फील्ड स्तर के अनुभवों और बदलती सुरक्षा चुनौतियों के आधार पर व्यावहारिक और नई रणनीतियों पर विचार किया जाएगा। चर्चा का केंद्र संगठित अपराध, नशा तस्करी, साइबर अपराध तथा प्रभावी जन-संवाद रहेगा, ताकि पुलिसिंग को और अधिक प्रो-एक्टिव, इंटेलिजेंस आधारित और नागरिक-केंद्रित बनाया जा सके।
बैठक में हाल के समय में सामने आए फिरौती कॉल और ऑनर किलिंग जैसे मामलों पर विशेष मंथन होगा, विशेषकर उन मामलों पर जिनका संचालन जेलों या विदेशों से सोशल मीडिया व डिजिटल माध्यमों के जरिए किया जा रहा है। इन नेटवर्क्स पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए लक्षित निगरानी, सटीक खुफिया सूचनाओं का आदान-प्रदान, जेल प्रशासन के साथ बेहतर समन्वय तथा डिजिटल फॉरेंसिक क्षमताओं को मजबूत करने पर जोर दिया जाएगा।
राज्य की मादक पदार्थ विरोधी मुहिम को राष्ट्रीय स्तर पर मिली पहचान के बीच वर्ष 2026 में संगठित ड्रग कार्टेल्स के समूल उन्मूलन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। पंजाब, राजस्थान और दिल्ली से सटे सीमावर्ती जिलों में सक्रिय नेटवर्क की समीक्षा की जाएगी। एनसीबी, बीएसएफ तथा पड़ोसी राज्यों की पुलिस के साथ समन्वय बढ़ाने, ड्रोन आधारित निगरानी, सप्लाई-चेन ट्रैकिंग और तकनीकी विश्लेषण जैसे सफल प्रयोगों को साझा किया जाएगा।
तेजी से बदलते डिजिटल अपराधों के मद्देनजर साइबर पुलिसिंग को और अधिक सक्षम बनाने पर विशेष विचार होगा। वर्ष 2025 में सामने आए सफल मामलों के अध्ययन के आधार पर साइबर थानों को सशक्त करने, एआई आधारित डेटा एनालिटिक्स अपनाने, जांच अधिकारियों के क्षमता-विकास तथा नागरिकों के लिए जागरूकता अभियानों और त्वरित शिकायत निवारण प्रणाली को और प्रभावी बनाने की योजना तैयार की जाएगी।
बैठक में वर्ष 2025 के दौरान सामने आए प्रमुख सुरक्षा रुझानों की विस्तृत समीक्षा की जाएगी, जिनमें मेवात क्षेत्र में आतंकी/कट्टरपंथी गतिविधियों की आशंका और ग्रेनेड जैसी घटनाएं, पंजाब व राजस्थान से सटे जिलों में नशा व अवैध तस्करी, गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत जैसे शहरी क्षेत्रों में संगठित अपराध और फिरौती नेटवर्क, अवैध शराब, जुआ और नशे से जुड़े अड्डे शामिल हैं।
इन चुनौतियों से निपटने के लिए मानव और तकनीकी सूचनाओं पर आधारित एकीकृत इंटेलिजेंस ग्रिड विकसित करने पर बल दिया जाएगा। सभी जिलों के एसपी अपने-अपने क्षेत्रों के हॉटस्पॉट, रुझान और प्रभावी हस्तक्षेपों पर डेटा आधारित प्रस्तुति देंगे।
बैठक में पुलिस कार्यप्रणाली के प्रस्तुतीकरण को लेकर "शो (एक्शन) एंड टेल (कम्युनिकेशन)" मॉडल को और सुदृढ़ करने पर भी विशेष चर्चा होगी। यह स्पष्ट किया जाएगा कि प्रभावी कार्रवाई के साथ-साथ पारदर्शी, तथ्यपरक और समयबद्ध संचार भी जनविश्वास निर्माण का अहम स्तंभ है। जनसंपर्क शाखा और जिला मीडिया सेल को डिजिटल स्टोरीटेलिंग, जनसंपर्क विस्तार और भ्रामक सूचनाओं के त्वरित खंडन को और मजबूत करने के निर्देश दिए जाएंगे।
सत्र के उपरांत पुलिस महानिदेशक द्वारा वर्ष 2026 के लिए रणनीतिक दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे, जिनका आधार होगा कानून प्रवर्तन में उत्कृष्टता, संस्थागत समन्वय और जनता का विश्वास। मधुबन में होने वाला यह उच्चस्तरीय विचार-विमर्श राज्य की वार्षिक पुलिसिंग योजना का आधार बनेगा और सभी जिलों के लिए स्पष्ट कार्य लक्ष्य तय करेगा।
हरियाणा पुलिस राज्य में शांति, सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूर्ण प्रतिबद्ध है तथा तकनीक-संचालित, पेशेवर और जन-संवेदनशील पुलिसिंग के माध्यम से नागरिकों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने के संकल्प के साथ निरंतर कार्यरत है।
--आईएएनएस
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