गुजरात : जीएलएस विश्वविद्यालय का 9वां दीक्षांत समारोह, 2025 बैच के लिए एक यादगार अवसर
अहमदाबाद, 20 दिसंबर (आईएएनएस)। जीएलएस विश्वविद्यालय का 9वां दीक्षांत समारोह शनिवार को भव्य तरीके से मनाया गया। यह शैक्षणिक उत्कृष्टता का भव्य उत्सव था और स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट स्तर पर डिग्री प्राप्त करने वाले 5003 से अधिक छात्रों के लिए गर्व का क्षण था। समारोह में प्रसिद्ध क्रिकेटर सूर्य कुमार यादव मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित रहे। इसके साथ ही जीएलएस विश्वविद्यालय के अध्यक्ष सुधीर नानावती, गुजरात विधि सोसायटी के अध्यक्ष पंकज पटेल और जीएलएस विश्वविद्यालय की कार्यकारी निदेशक डॉ. चांदनी कपाडिया भी मौजूद रहे।
कार्यक्रम में समाज में असाधारण योगदान देने के लिए विदेश मामलों के विभाग के प्रभारी विजय चौथाईवाले और प्रसिद्ध गुजराती अभिनेता सिद्धार्थ रंदेरिया को मानद डॉक्टरेट की उपाधि भी प्रदान की गई।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सूर्य कुमार यादव ने अनुशासन, कड़ी मेहनत और उत्कृष्टता की खोज पर अपने विचारों से स्नातकों को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि सफलता केवल प्रतिभा की बात नहीं है, बल्कि दृढ़ता और प्रतिबद्धता की भी है। आप अब एक ऐसे संसार में कदम रख रहे हैं, जहां मैदान पर और मैदान के बाहर, दोनों जगह नेतृत्व की आवश्यकता है। इसलिए अपने पेशेवर सफर में आगे बढ़ते हुए अपनी लगन को अपना मार्गदर्शक बनाएं।
जीएलएस विश्वविद्यालय के अध्यक्ष सुधीर नानावती ने स्नातकों से निरंतर बदलते संसार में अनुकूलनशीलता अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि वास्तविक दुनिया आपको उन तरीकों से परखेगी जिनकी आपने अभी कल्पना भी नहीं की है, लेकिन निरंतर सीखने और चुनौतियों का आत्मविश्वास से सामना करने की क्षमता ही आपकी सबसे बड़ी ताकत होगी। उन्होंने स्नातकों को आजीवन सीखने के महत्व की याद दिलाते हुए कहा कि जिज्ञासु बने रहें, वरना पीछे रह जाएंगे। बीच का कोई रास्ता नहीं है।
गुजरात विधि सोसायटी के अध्यक्ष पंकज पटेल ने कहा कि आप इस संस्थान से न केवल ज्ञान लेकर जा रहे हैं, बल्कि अपने कंधों पर जिम्मेदारी भी लेकर जा रहे हैं। आपकी पहली नौकरी आपका करियर नहीं है, और आपकी पहली गलती आपकी विरासत नहीं है। एक वैज्ञानिक की तरह सोचें, एक उद्यमी की तरह कार्य करें, और याद रखें, असफलता सफलता की यात्रा का एक हिस्सा है।
जीएलएस विश्वविद्यालय की कार्यकारी निदेशक डॉ. चांदनी कपाडिया ने कहा कि यह आपका क्षण है, लेकिन यह तो बस शुरुआत है। जब आप इस परिसर से बाहर कदम रखें, तो याद रखें, समय हमेशा आपके नियंत्रण में नहीं होता, लेकिन तत्परता आपके हाथ में होती है।
उन्होंने कहा कि आपको न केवल ज्ञान से, बल्कि एक सार्थक बदलाव लाने के उद्देश्य से भी सुसज्जित किया गया है। आज आप केवल डिग्री लेकर नहीं जा रहे हैं, आप अपने जीवन की दिशा लेकर जा रहे हैं। आगे की दुनिया विशाल है, चुनौतियों से भरी है, लेकिन आप तैयार हैं। सितारों को छूने का प्रयास करते रहें, और हमेशा अपने मूल्यों पर अडिग रहें।
--आईएएनएस
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