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ईयू-भारत एफटीए से माल्टा की कंपनियों का निवेश करना होगा आसान: राजदूत रूबेन गौसी

नई दिल्ली, 24 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत और माल्टा अपने द्विपक्षीय संबंधों की 60वीं सालगिरह मना रहे हैं। इस मौके पर भारत में माल्टा के राजदूत रूबेन गौसी ने आईएएनएस से खास बातचीत की। भारत ने 1964 में माल्टा की स्वतंत्रता को मान्यता दी और दोनों देशों के बीच 10 मार्च 1965 को द्विपक्षीय संबंध स्थापित हुए थे। भारत ने 2017 में माल्टा में अपना उच्चायोग फिर से खोला। वहीं माल्टा ने 2007 में नई दिल्ली में अपना उच्चायोग स्थापित किया।
 
ईयू-भारत एफटीए से माल्टा की कंपनियों का निवेश करना होगा आसान: राजदूत रूबेन गौसी

नई दिल्ली, 24 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत और माल्टा अपने द्विपक्षीय संबंधों की 60वीं सालगिरह मना रहे हैं। इस मौके पर भारत में माल्टा के राजदूत रूबेन गौसी ने आईएएनएस से खास बातचीत की। भारत ने 1964 में माल्टा की स्वतंत्रता को मान्यता दी और दोनों देशों के बीच 10 मार्च 1965 को द्विपक्षीय संबंध स्थापित हुए थे। भारत ने 2017 में माल्टा में अपना उच्चायोग फिर से खोला। वहीं माल्टा ने 2007 में नई दिल्ली में अपना उच्चायोग स्थापित किया।

दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को लेकर भारत में माल्टा के राजदूत रूबेन गौसी ने कहा, "मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि इस साल, 2025, माल्टा-भारत द्विपक्षीय संबंधों की 60वीं सालगिरह है। भारत के साथ हमारे द्विपक्षीय रिश्ते 10 मार्च 1965 को शुरू हुए थे, और हम इस बात के लिए शुक्रगुजार हैं कि भारत माल्टा को मान्यता देने वाले पहले देशों में से एक था। हमें 21 सितंबर 1964 को आजादी मिली और 60 साल से भी कम समय बाद, भारत ने माल्टा को मान्यता दी और हमारे द्विपक्षीय संबंध तुरंत शुरू हो गए।"

दोनों देशों के बीच व्यापार को लेकर उन्होंने कहा, "आयात और निर्यात में थोड़ा असंतुलन है। इसलिए भारत माल्टा को लगभग 300 मिलियन निर्यात करता है, जबकि बदकिस्मती से भारत में माल्टा के प्रोडक्ट्स का निर्यात बहुत कम है। लेकिन मैंने बताया कि 2022 से हमने पहली बार स्टेपल माल्टीज ड्रिंक्स और स्टेपल फूड्स आयात करना शुरू किया है और इससे सिर्फ, मैं इसे कैसे कहूं, आयात का आर्थिक पहलू ही नहीं, बल्कि मौजूदगी भी बढ़ रही है। क्योंकि जब आप देखते हैं कि माल्टा जैसा छोटा देश अपने ब्रांड्स को भारत जैसी जगहों पर निर्यात करने में कामयाब होता है, तो मेरा मानना ​​है कि यह आर्थिक स्तर पर और कूटनीतिक स्तर पर भी एक बड़ी उपलब्धि है।"

माल्टा के राजदूत ने कहा, "मैं दो बहुत बड़ी भारतीय फार्मास्युटिकल कंपनियों, अरबिंदो और टोरेंट के फार्मास्यूटिकल्स का जिक्र कर सकता हूं, जिनका माल्टा में बहुत ही बड़ा निवेश है, और भी बहुत सी कंपनियां हैं। बेशक, इस समय भारत में बहुत कम माल्टा की कंपनियां निवेश कर रही हैं। मुझे पता है कि एक खास कंपनी है, लेकिन मैं सच में और भी कंपनियां लाना चाहूंगा। लेकिन भारत में माल्टी का निवेश लाना बहुत आसान होगा अगर ईयू-भारत एफटीए पर हस्ताक्षर हो जाए।"

उन्होंने कहा कि आपने सुना होगा कि अगले साल, जनवरी 2026 में, यूरोपियन कमीशन के अध्यक्ष और यूरोपियन काउंसिल के अध्यक्ष 26 जनवरी 2026 को भारत के रिपब्लिक डे पर गेस्ट ऑफ ऑनर होंगे और ऐसा होना भी अच्छा है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि ईयू-भारत फ्री ट्रेड एग्रीमेंट साइन हो जाएगा।

--आईएएनएस

केके/एएस