Aapka Rajasthan

डिंग्को सिंह: अनाथालय से निकला बॉक्सर, जिसने एशियन गेम्स में इतिहास रचा

नई दिल्ली, 31 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतीय बॉक्सर डिंग्को सिंह महज 42 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गए, लेकिन इस खेल में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। 1998 एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतकर देश को गौरवान्वित करने वाले डिंग्को ने भारतीय मुक्केबाजी को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के साथ युवाओं को प्रेरित किया है।
 
डिंग्को सिंह: अनाथालय से निकला बॉक्सर, जिसने एशियन गेम्स में इतिहास रचा

नई दिल्ली, 31 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतीय बॉक्सर डिंग्को सिंह महज 42 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गए, लेकिन इस खेल में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। 1998 एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतकर देश को गौरवान्वित करने वाले डिंग्को ने भारतीय मुक्केबाजी को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के साथ युवाओं को प्रेरित किया है।

1 जनवरी 1979 को मणिपुर में जन्मे डिंग्को सिंह के माता-पिता के लिए दो वक्त की रोटी का जुटाना भी बेहद मुश्किल था। ऐसे में ये दंपत्ति बेटे को अनाथालय में छोड़ने पर मजबूर हो गए। माता-पिता चाहते थे कम से कम उनके बेटे को पर्याप्त पोषण मिल सके।

प्रतिभाशाली होने के साथ डिंग्को सिंह शारीरिक रूप से भी काफी मजबूत थे। भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) की ओर से विशेष क्षेत्र खेल कार्यक्रम (सैग) के अधिकारियों ने अनाथालय में ही डिंग्को सिंह के टैलेंट को पहचान लिया था।

महज 10 साल की उम्र में डिंग्को सिंह नेशनल चैंपियन बन गए थे। साल 1989 में उन्होंने अंबाला में नेशनल सब जूनियर में अपना लोहा मनवाया।

1997 में आयोजित किंग कप में सफल डेब्यू करते हुए महज 18 वर्षीय डिंग्को सिंह ने अपनी छाप छोड़ी।

1998 एशियन गेम्स में डिंग्को सिंह ने बैंटमवेट वर्ग (54 किलोग्राम) के सेमीफाइनल में थाईलैंड के सोंटाया वोंगप्रेट्स और फाइनल में उज्बेकिस्तान के तिमूर तुल्याकोव जैसे विरोधियों को मात देकर गोल्ड जीता। यह साल 1982 के बाद एशियन गेम्स में भारत का मुक्केबाजी में पहला गोल्ड था।

डिंग्को सिंह ने 2000 सिडनी ओलंपिक में बैंटमवेट डिवीजन में हिस्सा लिया, जहां उन्हें राउंड ऑफ 16 में यूक्रेन के सेरही डेनिलचेंको से हार का सामना करना पड़ा।

बॉक्सिंग में उत्कृष्ट योगदान के लिए डिंग्को सिंह को साल 1998 में प्रतिष्ठित 'अर्जुन पुरस्कार' से सम्मानित किया गया, जबकि साल 2013 में उन्हें 'पद्म श्री' पुरस्कार से नवाजा गया। 10 जून 2021 को 42 साल की उम्र में लिवर कैंसर से जूझते हुए डिंग्को सिंह ने दुनिया को अलविदा कह दिया।

--आईएएनएस

आरएसजी/एबीएम