स्वाति मालीवाल का आरोप, दिल्ली में 9वीं फेल छात्रों को जबरन भेजा जा रहा एनआईओएस
नई दिल्ली, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कक्षा 9 के परीक्षा परिणाम पर गुरुवार को राज्यसभा में गंभीर सवाल उठे। राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने 9वीं के छात्रों के खराब परिणाम का मुद्दा उठाते हुए यह आरोप लगाया कि बड़ी संख्या में फेल छात्रों को दिल्ली सरकार द्वारा जबरन नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (एनआईओएस) में भेजा जा रहा है। मालीवाल ने दावा किया कि इससे ड्रॉपआउट रेट बढ़ रहा है। इस पर शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने लिखित जवाब दिया।
डिजिटल संसद के अनुसार, दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पिछले पांच साल में कुल 3,20,150 छात्र 9वीं कक्षा में फेल हुए। 2020-21 में 31,541 छात्र, 2021-22 में 28,548 छात्र, 2022-23 में 88,421 छात्र, 2023-24 में 1,01,344 छात्र और 2024-25 में 70,296 छात्र फेल हुए हैं।
स्वाति मालीवाल ने सदन में यह भी सवाल किया कि फेल हुए इन छात्रों में से कितने बच्चों को एनआईओएस में भेजा गया और उनका ड्रॉपआउट रेट क्या रहा। इस पर सरकार की ओर से बताया गया कि पिछले पांच साल में कुल 71,124 छात्रों को एनआईओएस में एडमिशन दिया गया। सरकार की मानें तो 2020-21 में 11,322 छात्रों को, 2021-22 में 10,598 छात्रों को, 2022-23 में 29,436 छात्रों को, 2023-24 में 7,794 छात्रों को और 2024-25 में 11,974 छात्रों को एनआईओएस में एडमिशन दिया गया।
सदन में स्वाति मालीवाल ने सवाल किया कि क्या सरकार को पता है कि पिछले दस सालों में दिल्ली में 9वीं क्लास के बड़ी संख्या में फेल हुए स्टूडेंट्स को दिल्ली सरकार ने एनआईओएस में जाने के लिए मजबूर किया है, जिसके कारण ड्रॉपआउट रेट बहुत ज्यादा हो गया है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले पांच सालों में दिल्ली सरकार के स्कूलों में 9वीं क्लास में फेल हुए स्टूडेंट्स की संख्या, साल के हिसाब से उनमें से कितने एनआईओएस में भर्ती हुए और ड्रॉपआउट रेट कितना है और क्या इस पॉलिसी का इस्तेमाल स्कूल के नतीजों को आर्टिफिशियली बेहतर बनाने के लिए किया जा रहा है और इस गलत काम को ठीक करने और दिल्ली सरकार की जवाबदेही तय करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
स्वाति मालीवाल के सवाल पर मंत्री जयंत चौधरी ने अपने लिखित जवाब में कहा कि शिक्षा समवर्ती विषय है और देश के अधिकांश स्कूल राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा संचालित होते हैं। एनआईओएस का उद्देश्य उन विद्यार्थियों को अवसर देना है जो बार-बार फेल होने के कारण पढ़ाई छोड़ने के जोखिम में होते हैं। जो छात्र एनआईओएस के माध्यम से कक्षा 10 पास करते हैं, उन्हें फिर से अपने पैरेंट स्कूल में औपचारिक शिक्षा में लौटने का अवसर दिया जाता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि एनआईओएस में भेजे जाने की प्रक्रिया छात्रों के लिए विकल्प उपलब्ध कराने का तरीका है ताकि वे स्कूल सिस्टम से बाहर न हों।
--आईएएनएस
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