दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ युद्ध, मेट्रो को बनना होगा मॉडल एजेंसी: सीएम रेखा गुप्ता
नई दिल्ली, 5 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शुक्रवार को दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) को सख्त निर्देश दिए हैं कि वह अपने विभिन्न निर्माण स्थलों पर प्रभावी धूल नियंत्रण उपाय अनिवार्य रूप से लागू करे। उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी कीमत पर निर्माण गतिविधियों से प्रदूषण न फैले।
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश जारी किए हैं कि मेट्रो अपने एलिवेटेड रूट के नीचे कूड़ा-कचरा हटाकर, वहां नियमित सफाई की व्यवस्था करे। मुख्यमंत्री का स्पष्ट कहना है कि प्रदूषण के खिलाफ सरकार और उसके विभिन्न विभाग युद्ध स्तर पर कार्य कर रहे हैं, इसलिए प्रदूषण फैलाने वाले किसी भी विभाग की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह जल्द ही मेट्रो के निर्माणाधीन स्थलों का दौरा करेंगी और वहां प्रदूषण को लेकर लापरवाही पाई गई तो मेट्रो के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शुक्रवार को दिल्ली मेट्रो रेल निगम के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में सरकार के परिवहन मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह, मुख्य सचिव राजीव वर्मा, और दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
बैठक में मुख्यमंत्री ने इस बात पर नाराजगी जताई कि उन्हें लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि मेट्रो के अधिकांश निर्माणाधीन स्थलों पर धूल उड़ रही है और वहां धूल से बचाव के प्रभावी प्रयास नहीं किए गए हैं। लोग यह भी शिकायत कर रहे हैं कि जहां मेट्रो का कार्य पूरा हो गया है, वहां सड़कों-फुटपाथ आदि को ठीक नहीं किया जा रहा है, जिस कारण प्रदूषण फैल रहा है, साथ ही यातायात भी बाधित हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने स्वयं भी देखा है कि मेट्रो के एलिवेटेड रूट के नीचे गंदगी और कूड़े के ढेर नजर आ रहे हैं; वहां साफ-सफाई को लेकर लापरवाही बरती जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा लगता है कि मेट्रो एलिवेटेड रोड का प्रयोग विज्ञापनों के लिए ही कर रहा है और वहां सफाई नहीं की जा रही है। मुख्यमंत्री ने ऐसे एलिवेटेड रोड के उदाहरण भी दिए और कहा कि इस तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बैठक में मेट्रो अधिकारियों ने जानकारी दी कि निर्माणाधीन स्थलों पर विशेष ध्यान रखा जा रहा है और वहां धूल आदि को रोकने के उपाय किए जा रहे हैं। मेट्रो अधिकारियों ने यह भी कहा कि मेट्रो एलिवेटेड रूट के नीचे की सफाई शुरू कर दी गई है।
उन्होंने कहा कि दूसरे विभागों के पास भी इनकी सफाई का जिम्मा है, लेकिन अब मेट्रो ने खुद ही वहां कूड़ा आदि उठाना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री ने दिल्ली मेट्रो रेल निगम को स्पष्ट निर्देश दिए कि निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण के लिए आधुनिक तकनीकों का प्रयोग अनिवार्य रूप से किया जाए। निर्माण सामग्री को ढककर रखा जाए, पानी का नियमित छिड़काव हो, और सड़कों पर मिट्टी या मलबा न फैले।
उन्होंने कहा कि मेट्रो जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से यह अपेक्षा की जाती है कि वह पर्यावरण सुरक्षा में मॉडल बने, न कि समस्या का हिस्सा दिखे। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि वे स्वयं निर्माण स्थलों का औचक निरीक्षण करेंगी और कहीं भी लापरवाही मिलने पर सीधी कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार प्रदूषण के खिलाफ युद्धस्तर पर कार्य कर रही है, इसलिए किसी की भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हमारी सरकार की प्रतिबद्धता है कि दिल्लीवासियों के स्वास्थ्य के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता। स्वच्छ हवा में सांस लेना नागरिकों का मूल अधिकार है और दिल्ली सरकार इस अधिकार की रक्षा के लिए हर आवश्यक कदम उठा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार केवल नीतियां नहीं बना रही है, बल्कि जमीनी स्तर पर हर विभाग की जवाबदेही सुनिश्चित की जा रही है।
उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि दिल्ली सरकार प्रदूषण के खिलाफ किसी औपचारिक नहीं बल्कि वास्तविक युद्ध के मोड में कार्य कर रही है और इस लड़ाई में किसी भी सरकारी विभाग या एजेंसी को लापरवाही की छूट नहीं दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने दो टूक शब्दों में कहा कि चाहे वह मेट्रो हो, नगर निगम, लोक निर्माण विभाग, या कोई अन्य एजेंसी, यदि प्रदूषण फैलाने में किसी भी प्रकार की कोताही सामने आई तो सख्त और उदाहरणात्मक कार्रवाई की जाएगी।
--आईएएनएस
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