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दिल्ली पुलिस ने 16 लाख के निवेश घोटाले में चार आरोपियों को किया गिरफ्तार

नई दिल्ली, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पुलिस ने बुधवार को 16 लाख रुपए के निवेश घोटाले में शामिल चार धोखेबाजों को गिरफ्तार किया है।
 
दिल्ली पुलिस ने 16 लाख के निवेश घोटाले में चार आरोपियों को किया गिरफ्तार

नई दिल्ली, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पुलिस ने बुधवार को 16 लाख रुपए के निवेश घोटाले में शामिल चार धोखेबाजों को गिरफ्तार किया है।

दक्षिण पश्चिम जिला पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि साइबर पुलिस स्टेशन की एक टीम ने चार साइबर धोखेबाजों मनीष दिलीप भाई कोष्टी (37), मोहम्मद जैद ए सिदी (28), मोहम्मद एजाज खिमाणी (35) और शेख अबरार (27) को गिरफ्तार किया है। ये सभी अहमदाबाद, गुजरात के रहने वाले हैं। इसके साथ ही अपराध में इस्तेमाल किए गए कुल छह मोबाइल फोन, छह डेबिट कार्ड और आठ सिम कार्ड बरामद किए गए।

दिल्ली के पालम कॉलोनी के ए. कुमार से एनसीआरपी के जरिए पुलिस स्टेशन साइबर/एसडब्लूडी में एक शिकायत मिली, जिसमें उन्होंने बताया कि उन्हें "71 एबॉट" नाम के एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया था और एडमिन और सदस्यों ने एक निवेश फर्म के प्रतिनिधियों के रूप में खुद को पेश किया था।

इसके बाद उन्होंने उन्हें 300 प्रतिशत मुनाफे का लालच दिया, जिसके बाद अलग-अलग चरणों में कई पेमेंट करने के लिए उकसाया और आखिरकार उनसे 16 लाख रुपए की ठगी की।

शिकायत के आधार पर पुलिस ने 27 अक्टूबर को मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शिकायत दर्ज होने के बाद इंस्पेक्टर प्रवेश कौशिक के नेतृत्व में साइबर पुलिस की एक विशेष टीम ने तकनीकी सर्विलांस और डिजिटल फुटप्रिंट्स के आधार पर जांच की। जांच के दौरान यह पता चला कि ठगी की गई रकम का एक हिस्सा यूसीओ बैंक और आरबीएल बैंक के खातों के माध्यम से भेजा गया था और बाद में यह राशि क्रेडिट और रेजरपे जैसे पेमेंट गेटवे के जरिए मनीष कोष्टी के एचडीएफसी बैंक के खाते में जमा की गई है।

पुलिस ने अहमदाबाद में एक छापे के दौरान मनीष कोष्टी को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि वह 5 प्रतिशत कमीशन पर ठगी की गई रकम को क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान के जरिए ठिकाने लगाता था। मनीष ने अन्य तीन आरोपियों के नाम भी बताए, जिसके बाद पुलिस ने मोहम्मद जैद, मोहम्मद एजाज और शेख अबरार को भी गिरफ्तार किया।

यह गिरोह पहले मोबाइल फोन खरीदने और बेचने का काम करता था, लेकिन बाद में अहमदाबाद में एक ऑफिस खोलकर क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान, यूएसडीटी की खरीद-बिक्री और अन्य तरीकों से ठगी की गई रकम को सेटल करता था। आरोपी हर ट्रांजैक्शन पर 5 प्रतिशत कमीशन लेते थे, जो सभी सदस्यों के बीच बांटा जाता था।

जांच में पता चला कि इस गिरोह के खिलाफ विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 163 से अधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं।

--आईएएनएस

एसएके/एएस